MP Election : विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा को झटका, कट्टर सिंधिया समर्थक बैजनाथ यादव ने थामा कांग्रेस का हाथ

MP News : मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव इस साल के अंत में होने हैं, भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों में नेताओं की चहलकदमी बढ़ गई है, नेता एक पार्टी छोड़कर दूसरी में जा रहे हैं, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के प्रभाव वाले क्षेत्र  ग्वालियर चंबल संभाग में भी इस बार बहुत उठापटक देखने को मिल रही है, सिंधिया के कट्टर समर्थक शिवपुरी के वरिष्ठ नेता बैजनाथ यादव ने आज भाजपा को अलविदा कह दिया और कांग्रेस में घर वापसी कर ली, वे सिंधिया के साथ ही कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आये थे, उन्होंने कहा कि वे भाजपा में ऊब चुके थे, उन्हें अछूत समझा जा रहा था।

MP Election से पहले 400 गाड़ियों और सैंकड़ों समर्थकों के साथ पहुंचे भोपाल 

शिवपुरी जिले की कोलारस विधानसभा में अच्छा दबदबा रखने वाले नेता बैजनाथ सिंह ने घर वापसी कर ली, उन्होंने करीब 400 गाड़ियों के काफिले के साथ अपनी ताकत का अहसास कराते हुए कोलारस से भोपाल तक का सफ़र किया और कांग्रेस की पुनः सदस्यता ग्रहण कर ली, उनके भोपाल रवाना होने से पहले सैंकड़ो समर्थक उनके आवास पर पहुंचे और उन्हें शुभकामनायें दी।

13 जून को भाजपा के सभी पदों से दिया था इस्तीफा 

गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के कट्टर समर्थकों में से एक बैजनाथ यादव ने सिंधिया के साथ ही 2018 में भाजपा ज्वाइन की थी, वे वर्तमान में भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य थे, 12 जून को भाजपा के प्रदेश महामंत्री भगवान् दास सबनानी ने उन्हें कारण बताओ नोटिस थमाया तो उन्होंने 13 जून को पार्टी के सभी दायित्वों से इस्तीफा दे दिया, उनका इस्तीफा सोशल मीडिया पर भी वायरल हुआ।

भाजपा में रहकर ऊब रहा था, अछूतों जैसा महसूस हो रहा था : बैजनाथ 

भोपाल रवाना होने से पहले बदरवास में चुनिंदा मीडिया से बात करते हुए बैजनाथ यादव ने कहा कि मैंने दो ढाई साल में ही देख लिया कि इस पार्टी में मान सम्मान नहीं है, भ्रष्टाचार इतना बढ़ गया हैं कि बिना पैसे दिए काम नहीं होता, मैं यहाँ ऊब चूका था इसलिए इस्तीफा दे दिया, जब मीडिया ने उनसे कहा कि कांग्रेस में वापस जाकर कैसा महसूस करेंगे तो उन्होंने कहा कि मेरा परिवार कांग्रेस में रहा है, मेरी पूरी जिंदगी कांग्रेस में रही, मैं हमेशा पदाधिकारी रहा, इसलिए कोई नई बात नहीं, मीडिया ने जब बैजनाथ से पूछा कि आप तो केंद्रीय मंत्री सिंधिया के कट्टर समर्थक हैं तो क्या उन्हें छोड़ देंगे? तो उन्होंने कहा कि जब सिंधिया जी कांग्रेस में थे तब उनके साथ था, वे कांग्रेस से चले गए भाजपा में पहुँच गए लेकिन भाजपा में आकर हमें अछूत जैसा लग रहा था इसलिए छोड़कर जा रहे हैं।


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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