भोपाल। मध्य प्रदेश के मुरैना जिले की जौरा विधानसभा में उप चुनाव के लिए भाजपा तैयारियों में जुट गई है। भाजपा के लिए यह उप चुनाव प्रतिष्ठा का मुद्दा बन गया है। कमलनाथ सरकार से झाबुआ उप चुनाव का बदला लेने के लिए भाजपा जौरा उप चुनाव को जीतने में पूरी ताकत झोंकना चाहती है। इसके लिए चंबाल-ग्वालियर के दिग्गज नेताओं को जिम्मेदारी भी सौंपने की रणनीति बन रही है। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का नाम भी यहां सामने आ रहा है।
जौरा उप चुनाव में जीत के लिए भाजपा बेहद सतर्क हो गई है। कांग्रेस विधायक बनवारीलाल शर्मा के निधन से यह सीट रिक्त हुई है। भाजपा कांग्रेस सरकार को बैकफुट पर लाने के लिए झाबुआ उप चुनाव का बदला लेना चाहती है। लेकिन उसके लिए यह राह आसान नहीं है। इस सीट पर बसपा का भी कब्जा रहा है। बसपा वर्तमान में कांग्रेस को समर्थन दे रही है। अगर यहां बसपा अपना उम्मीदवार उतारती है तो कांग्रेस से अधिक यहां भाजपा को जीत के लिए परेशानी हो सकती है। जौरा विधानसभा क्षेत्र तोमर के लोकसभा क्षेत्र मुरैना में ही आती है। इस सीट के खाली होने के बाद से तोमर की प्रदेश में सक्रियता भी बढ़ गई है। तोमर के लिए वहां सबसे बड़ी चुनौती पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया होंगे, क्योंकि जौरा सीट जिताने की जिम्मेदारी कांग्रेस सिंधिया को सौंप सकती है।
बसपा से छीनी थी कांग्रेस ने सीट
जौरा विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक बनवारीलाल शर्मा का 21 दिसंबर 2019 को निधन हो गया था। वे कैंसर से पीड़ित थे और उनका लंबे समय से भोपाल में इलाज चल रहा था। शर्मा पिछले साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी को हराकर विधायक बने थे।