MP में करोड़ों की लागत से 1770 उप स्वास्थ्य केंद्रों के भवनों का होगा निर्माण, डिप्टी सीएम राजेन्द्र शुक्ल के प्रयास सफल

इस दौरान केंद्र सरकार ने प्रति इकाई निर्माण के लिए 10 लाख रुपए का इजाफा करते हुए 55 लाख रुपए के बजाय कुल 65 लाख रुपए की मंजूरी दी गई है।

Shashank Baranwal
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MP News: केंद्र सरकार की तरफ से प्रदेश के भवनविहीन उपस्वास्थ्य केंद्रों को एक बड़ी सौगात मिली है। जहां केंद्र सरकार ने 15वें वित्त आयोग के अंतर्गत कुल भवन निर्माण के लिए राशि की स्वीकृति दे दी है, जिसमें कुल प्रदेश के 1 हजार 770 भवनविहीन उपस्वास्थ्य केंद्रों को 1 हजार 150 करोड़ रुपए की मजूरी मिली है। इस दौरान 1150 करोड़ की लागत से 1770 उप स्वास्थ्य केंद्रों का निर्माण की जाएगी।

उप मुख्यमंत्री ने किया था प्रयास

इस दौरान केंद्र सरकार ने प्रति इकाई निर्माण के लिए 10 लाख रुपए का इजाफा करते हुए 55 लाख रुपए के बजाय कुल 65 लाख रुपए की मंजूरी दी गई है,  जिसको लेकर प्रदेश उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया से लोक निर्माण विभाग की दरों का पुनरीक्षित होने और जीएसटी में 12-18 फीसदी इजाफा होने से प्रति इकाई लागत में इजाफा होने का अनुरोध किया था। आपको बता दें प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए सरकार द्वारा कुल 177 करोड़ रुपए का अतिरिक्त राशि को आवंटित किया गया है।

प्रदेश के सभी संभागों में भवनों का होगा निर्माण

प्रदेश के कुल 10 संभागों में उप स्वास्थ्य केंद्रों में भवन निर्माण का काम किया जाएगा। जिसमें ग्वालियर संभाग में कुल 173, भोपाल संभाग में 172, सागर संभाग में 174, जबलपुर संभाग में 294, उज्जैन संभाग में 204, शहड़ोल संभाग में 225, चंबल संभाग में 109, रीवा संभाग में 255, नर्मदापुरम संभाग में 86 और इंदौर संभाग में कुल 303 उप स्वास्थ्य केंद्रों में भवन का निर्माण किया जाएगा। इसके अलावा प्रदेश में कुल 92 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के भवनों का निर्माण किया जाएगा, जिसके लिए कुल 146 करोड़ 28 लाख रुपए की मंजूरी दी गई है।


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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है–खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालोमैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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