World Mental Health Day : राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन,मप्र द्वारा संचालित राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत आज भोपाल में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर शासकीय जय प्रकाश चिकित्सालय में मानसिक स्वास्थ्य शिविर और जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। उल्लेखनीय है कि सारी दुनिया हर साल 10 अक्टूबर को मानसिक स्वास्थ्य दिवस के रूप में मनाती है जिसके लिए हर साल एक थीम निर्धारित की जाती है। इस साल की थीम है “यह समय कार्यस्थल पर मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने का है “।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, भोपाल के निर्देशन और सिविल सर्जन जयप्रकाश चिकित्सालय, भोपाल की निगरानी में मानसिक स्वास्थ्य समस्या स्क्रीनिंग, उपचार और जागरूकता शिविर पूरे अक्टूबर माह में सिविल अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और ज़िला अस्पताल में आयोजित किये जाने हैं। आज जे पी अस्पताल में शिविर का उद्घाटन सिविल सर्जन और मुख्य अस्पताल अधीक्षक डॉ आर. के. श्रीवास्तव ने किया। इस अवसर पर आर एम ओ डॉ बलराम उपाध्याय, मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ संजय जैन, मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ आर के बैरागी उपस्थित थे।
मानसिक स्वास्थ्य परीक्षण हुआ
आज के शिविर में 120 लोगों का मानसिक स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। शिविर में विभिन्न मानसिक व नशा संबंधी समस्याओं और तनाव व आत्महत्या जैसी समस्याओं की स्क्रीनिंग कर पीड़ितों को उपचार व मनोवैज्ञानिक परामर्श प्रदान किया गया। इसके साथ साथ कार्यस्थल पर मानसिक स्वास्थ्य के महत्व पर अस्पताल के स्टाफ को जागरूक किया गया। इस अवसर पर मानसिक समस्याग्रस्त लोगों के केयरगिवर्स का भी उन्मुखीकरण किया गया व मानसिक स्वास्थ्य और टेलीमानस कार्यक्रम पर जागरूकता सत्र का आयोजन किया गया।
विशेषज्ञों ने दिए प्रतिभागियों के सवालों के जवाब
इस मौके पर टेली-मानस कार्यक्रम के अंतर्गत जारी मानसिक स्वास्थ्य हेल्पलाइन नम्बरों (14416 और 1800-89-14416) को प्रचारित करते हुए एवं मनकक्ष में उपलब्ध सेवाओं की जानकारी देने के साथ ही मानसिक स्वास्थ्य संबंधी IEC सामग्री वितरित की गई। आज के कार्यक्रम के दौरान जय प्रकाश चिकित्सालय, भोपाल में पदस्थ राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के राहुल शर्मा (चिकित्सा मनोवैज्ञानिक), सपना राय (मानसिक रोग नर्स), मेखला श्रीवास्तव, वंदना, आराधना, मनोज गौर, डॉ श्वेता, नीतू पटेल, मानसी रश्मि, सचित (काउंसलिंग साइकोलॉजिस्ट्स) द्वारा सभी के मानसिक स्वास्थ्य की स्क्रीनिंग की गई और आवश्यकता प्रतीत होने पर लोगों को उपचार और परामर्श दिया गया। कार्यक्रम के अंत मे प्रतिभागियों के सवालों पर विशेषज्ञों द्वारा उत्तर दिए गए। कार्यक्रम में लगभग 200 से ज़्यादा लोगों ने भागीदारी की।