भोपाल।
प्रदेश के बहुचर्चित व्यापम घोटाले की जांच सीबीआई एक बार फिर से शुरू करने जा रही है। सूत्रों के हवाले से खबर है फिलहाल पुराने सभी मामलों की जांच नहीं की जाएगी। अभी सिर्फ परिवहन आरक्षक, वनरक्षक भर्ती और पुलिस आरक्षक की परीक्षाओं के साथ पीएमटी से संबंधित जांच हो सकती है।
कुल मिलाकर 8 मामलो की जांच की जायेगी जिसमे परिवहन आरक्षक भर्ती 2012, पुलिस आरक्षक भर्ती 2012, और वनरक्षक भर्ती 2013 के साथ-साथ पीएमटी 2009 के दो मामले, 2012 के दो मामले, पीएमटी 2013 के मामलों की जांच होने की सम्भावना है। 2012 के जिन मामलों की दोबारा जांच होने की सम्भावना है उनमें धोखाधड़ी एवं अंकों की गड़बड़ी के केस शामिल हैं।
पीएमटी 2013 के जो मामले दोबारा जांच के लिए खोले जा रहे हैं उनमे राजधानी भोपाल के कुछ निजी मेडिकल कॉलेजों के संचालकों के नाम भी शामिल होने की संभावना जताई जा रही है। आपको बता दें कि पिछले महीने सीबीआई ने इस बड़े मामले में लगभग 100 आरोपितों के खिलाफ चालान पेश किया था। चालान में 250 गवाहों की सूची भी पेश की गई थी।
आखिर क्या है व्यापमं घोटाला?
यह बहुचर्चित घोटाला प्रदेश का अब तक का सबसे बड़ा घोटाला है। मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों में दाखिले में फर्जीवाड़ा कर भर्तियां की गई थी। इस घोटाले में सरकारी नौकरियों में जमकर भ्रष्टाचार हुआ था। व्यापमं द्वारा पीएमटी 2009 -2010 में उत्तीर्ण छात्रों के लिए गांधी मेडिकल कॉलेज भोपाल में मेरिट के आधार पर काउंसलिंग आयोजित की गई थी। काउंसलिंग में प्रवेश ले चुके छात्रों के दस्तावेजों की जांच में खुलासा हुआ था कि वर्ष 2009 और वर्ष 2010 में गांधी मेडिकल कॉलेज में प्रवेश पा चुके कुछ छात्रों के फोटो और हस्ताक्षरों का मिलान नहीं हो रहा था। उसके बाद जांच कमेटी ने कुल 28 छात्रों के दस्तावेज में गड़बड़ी पाते हुए 4 जुलाई 2012 को राजधानी भोपाल के कोहेफिजा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी।