भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) ने साल के आखरी में एक और बड़ी घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने ऐलान किया है कि भोपाल में प्रतिवर्ष रानी कमलापति (Rani Kamalapati) की याद में कार्यक्रम किया जाएगा और मेला (Fair) लगेगा, जिसमें मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के गोंडवाना अंचल के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे।वही उन्होंने कहा कि सौंदर्यीकरण और विकास की अगले 5 वर्ष की योजना तैयार है,जनता के सामने शीघ्र लाएंगे।
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दरअसल, मंगलवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल (Bhopal) में 115 करोड़ रूपए के कार्यों का शुभारंभ किया। इस दौरान सभा को संबोधित करते हुए कहा है कि मध्य प्रदेश के गोंड राजाओं और रानियों का स्वतंत्रता संग्राम (svatantrata sangraam) में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। रघुनाथ शाह, शंकर शाह, रानी दुर्गावती आदि का बलिदान इतिहास में दर्ज है। रानी कमलापति ने अपने 14 वर्षीय पुत्र नवल शाह को युद्ध भूमि में संग्राम के लिए भेजा जो शहीद हुए थे। इसके पश्चात स्वयं सम्मान और स्वाभिमान के खातिर रानी ने जौहर किया और भोपाल की झील में जल समाधि ली।
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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि भोपाल में प्रतिवर्ष रानी कमलापति की स्मृति में कार्यक्रम होगा जिसमें प्रदेश के गोंडवाना अंचल के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे। भोपाल के संस्थापक राजा भोज (Raja Bhoj) की झील के पास प्रतिमा स्थापित की गई थी। इसी श्रंखला में रानी कमलापति की प्रतिमा की स्थापना नागरिकों के लिए गर्व का विषय है।भोपाल के विकास में लगा ग्रहण समाप्त हो गया है। शिवराज सरकार (Shivraj Government) भोपाल के विकास को दोगुनी गति से संपन्न करवाएगी।
योजना तैयार, जल्द करेंगे जनता के सामने पेश
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि भोपाल की सुंदरता और स्वच्छता में वृद्धि के लिए निरंतर प्रयास होंगे। अगले 5 वर्ष की विकास और सौन्दर्यीकरण की योजना भी तैयार की गई है। इसे जल्दी ही आम जनता के समक्ष लाया जाएगा। भोपाल के जलाशयों को बचाया जाएगा। उन्हें हम मल का भंडार नहीं बनने देंगे। भोपाल में इसी उद्देश्य से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित किए जा रहे हैं। भोपाल को देश का सबसे स्वच्छ एवं सुंदर शहर बनाया जाएगा।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल को दी कुल 115 करोड़ रूपए की सौगात
- लोकार्पण की श्रृंखला के अंत में रानी कमलापति आर्च ब्रिज (Rani Kamalapati Arch Bridge) का लोकार्पण किया। लगभग चालीस करोड़ लागत के इस ब्रिज से भोपाल सहित प्रदेश के अन्य हिस्सों से आने वाले लोगों को फायदा मिलेगा। गिन्नौरी से किलोल पार्क के नजदीक बीआरटीएस कॉरिडोर तक स्टील आर्च ब्रिज की कुल लंबाई 200 मीटर है। इसके दोनों तरफ 534 मीटर की एप्रोच रोड बनाई गई है।
- आर्च ब्रिज की चौड़ाई 10.75 मीटर और आर्च की ऊंचाई 30 मीटर है। ब्रिज के दोनों तरफ 2 मीटर का फुटपाथ का भी निर्माण किया गया है। समारोह के दौरान ही यू.एन.आई.डी.ओ. के सहयोग से 30 करोड़ रुपये की लागत से सी.एन.जी. प्लांट बनाने के लिए भी अनुबंध किया गया। आदमपुर छावनी क्षेत्र में वेस्ट ट्रीटमेंट प्लांट पर यह इकाई स्थापित होगी।
- श्यामला हिल्स एवं पॉलिटेक्निक चौराहे की ओर जाने वाली सड़क के बीच बंजर पड़ी पहाड़ी को स्मार्ट पार्क का रूप दिया गया है। यह पार्क 11 एकड़ भूमि में विकसित है। सुगम आवागमन के लिए 36 मीटर चौड़ी सड़क बनाई गई है। स्मार्ट पार्क की लागत लगभग 7 करोड़ है। लगभग 23 हजार 840 स्क्वायर मीटर के क्षेत्र को सिटी फॉरेस्ट के रूप में विकसित किया गया है। पार्क में लगभग 23 स्क्वायर मीटर का शानदार लान भी विकसित किया गया है। अशोक स्तंभ और लैंडस्कैपिंग में उपयोग किए गए शिल्प कला पार्क की खूबसूरती को बढ़ाती है।
- भारत माता चौराहे से पॉलिटेक्निक चौराहे तक 43 करोड़ से निर्मित स्मार्ट रोड का भी लोकार्पण किया। यह 30 मीटर चौड़ी सड़क है। इसकी लंबाई लगभग सवा दो किलोमीटर है। यह चार लेन वाली सड़क है। सड़क के साइड में साइकिल ट्रैक भी बनाया गया है। इस सड़क को 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार के मान से डिजाइन किया गया है और यह पुराने भोपाल को नए भोपाल से जोड़ने का काम करेगी।
- शहर को स्वच्छ रखने के लिए जाटखेड़ी में कचरा ट्रांसफर स्टेशन का भी लोकार्पण किया। इसमें ठोस अपशिष्ट निष्पादन के लिए 3 आधुनिक मशीनें लगाई गई हैं। पाँच करोड़ लागत के इस ट्रांसफर स्टेशन के बनने से साकेत नगर, शक्ति नगर और बाग मुगालिया और आसपास के क्षेत्रों को फायदा होगा। जाटखेड़ी ट्रांसफर स्टेशन में कचरा लेकर आने वाली गाड़ियों के गीले और सूखे कचरे का अलग-अलग वजन किया जा सकेगा।
- इस प्रक्रिया की मानिटरिंग भोपाल स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कारपोरेशन के इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर से की जाएगी। इसके अलावा भोपाल स्मार्ट सिटी द्वारा बैरागढ़, भदभदा, दाना पानी, ट्रांसपोर्ट नगर, यादगार-ए-शाहजहानी पार्क, कोलार रोड में ट्रांसफर स्टेशन बनाए गए हैं। गोविंदपुरा औद्योगिक क्षेत्र बाबा नगर, ईदगाह हिल्स, राजेंद्रनगर और एलेक्जर गार्डन करोंद में भी ट्रांसफर स्टेशन बनाए जा रहे हैं।
- अमृत मिशन के तहत शिरीन नदी पर बनाये गए 50 एम.एल.डी. क्षमता के सीवेज वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लोकार्पण का किया। इस प्लांट पर 20 करोड़ रुपये की लागत आयी है। साढ़े 11 करोड़ की लागत वाले चार इमली सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट को भी लोकार्पित किया। उन्होंने प्लांट का मुआयना भी किया और सीवेज के पानी को ट्रीटमेंट से साफ कर तालाब में पानी छोड़ने के कार्य को भी देखा।