भोपाल। सत्ता में काबिज होने के बावजूद लोकसभा चुनाव में एमपी में कांग्रेस को करारी हाल मिली है। 2014 में 29 में से 3 सीटों पर कब्जा जमाने वाली कांग्रेस 2019 में एक पर सिमट कर रह गई। कई दिग्गज नेताओं के किले ढह गए और मोदी लहर वे भी लाखों वोटों से हार गए। हार के बाद कांग्रेस में घमासान मच गया है, इसी के चलते आज वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह मुख्यमंत्री कमलनाथ से मिलने पहुंचे इस दौरान उनके साथ राजगढ़ प्रत्याशी मोना सुस्तानी भी मौजूद रही। वही 26 मई को हार पर मंथन के लिए कमलनाथ ने विधायकों की बैठक बुलाई है।
दरअशल, एमपी में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस सकते में आ गई है।भोपाल से लेकर दिल्ली तक उथल पुथल मची हुई है। हार को लेकर मंथन किया जा रहा है। इसी सिलसिले में 26 मई को मुख्यमंत्री कमलनाथ ने विधायक दल की बैठक बुलाई है, जिसमें लोकसभा में मिली हार को लेकर समीक्षा की जाएगी। सभी को बैठक में शामिल होने के कड़े निर्देश दिए गए है। इसी के साथ बैठक में कई कैबिनेट मंत्री के भी शामिल होने की संभावना है।खबर है कि मंत्रियों को जिन क्षेत्र की जिम्मेदारी दी गई थी उसमें सफल ना होने के लिए उनसे जवाब मांगा जा सकता है। वही एमपी को लेकर आगे की रणनीति पर भी चर्चा की जा सकती है।बता दे कि बीजेपी ने कांग्रेस से फ्लोर टेस्ट कराने की बात कही है जिसे सीएम कमलनाथ ने चुनौती बन स्वीकार कर लिया है। उम्मीद की जा रही है कि अगले महिने कांग्रेस विधानसभा का सत्र बुला सकती है। इससे पहले बीजेपी सरकार गिराने के भी दावे कर चुकी है।
इधर दिग्विजय कमलनाथ ने की मुलाकात
वही दूसरी तरफ भोपाल लोकसभा सीट से बीजेपी की साध्वी प्रज्ञा से लाखों वोट से हारने के बाद दिग्विजय सिंह सीएम कमलनाथ से मिलने उनके बंगले पर पहुंचे। उनके साथ राजगढ़ से हारी कांग्रेस प्रत्याशी मोना सुस्तानी भी पहुंची। इस दौरान तीनों के बीच हार के कारणों को लेकर चर्चा हुई।माना जा रहा आने वाले कुछ दिनों में मध्यप्रदेश में बदलने वाली परिस्थितियों पर चर्चा हुई। हालांकि क्या चर्चा हुई आगे की क्या रणनीति बनी इस बात का अभी पता नही चल पाया लेकिन दिग्विजय और कमलनाथ की इस मुलाकात के बाजार राजनैतिक गलियारों में अच्छी खासी सरगर्मियां पैदा कर दी है।