Mohan Cabinet Decision: सीएम मोहन यादव ने कैबिनेट की बैठक में प्राध्यापकों के मामलों का किया निपटारा, 6ठें UGC वेतनमान के प्रस्ताव को दी स्वीकृति

वेतनमान की स्वीकृति मिलने के बाद प्रांतीय शासकीय महाविद्यालय प्राध्यापक संघ ने सीएम मोहन यादव के साथ ही उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार और उच्च शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. केसी गुप्ता का धन्यवाद किया है।

Mohan Cabinet Meeting Decision 2024: मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव की अध्यक्षता में आज सोमवार को कैबिनेट की अहम बैठक हुई। जहां कई अहम फैसले लिए गए। इस दौरान बैठक में उच्छ शिक्षा विभाग के प्राध्यापकों की लंबित मामलों पर भी चर्चा हुई। जिसके बाद इन मामलों का निकारण किया गया है।

सीएम मोहन ने UGC के वेतनमान के प्रस्ताव की दी स्वीकृति

सीएम डॉ. मोहन यादव ने उच्च शिक्षा विभाग के प्राध्यापकों को 6ठें विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के वेतनमान में AGP 10 हजार रुपए देने के प्रस्ताव की स्वीकृति दे दी है। इस दौरान प्राध्यापक संघ के अध्यक्ष डॉ कैलाश त्यागी ने बताया कि 2010 में ही 6ठें UGC वेतनमान में AGP 10 हजार रुपए स्वीकृति किया गया था। हालांकि इसे साल 2012 में वापस ले लिया गया था। वहीं स्वीकृति को वापस लेने के बाद प्राध्यापक संवर्ग में भेदभाव की स्थिति बनी हुई थी।

प्राध्यापक संघ ने सीएम मोहन यादव को दिया धन्यवाद

वेतनमान की स्वीकृति मिलने के बाद प्रांतीय शासकीय महाविद्यालय प्राध्यापक संघ ने सीएम मोहन यादव के साथ ही उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार और उच्च शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. केसी गुप्ता का धन्यवाद किया है। मध्य प्रदेश शासन द्वारा कैबिनेट की बैठक में शिक्षकों के हित में फैसले लेने से राज्य के शिक्षकों में खुशी का माहौल दिखा।

आपको बता दें मध्य प्रदेश शासन के इस फैसले से राज्य के प्राध्यापक संघ में अब अन्य राज्यों के प्राध्यापकों के समान ही AGP 10 हजार रुपये का वेतनमान मिलेगा।

 


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Shashank Baranwal

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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है– खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालो मैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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