जब बीच सभा में महिला को एम्स भोपाल में भर्ती कराने का आदेश दिया सीएम शिवराज ने, सहायता राशि भी की प्रदान, कहा मैं भी तेरा भाई हूं

Gaurav Sharma
Published on -

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। इन दिनों प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रदेश के विभिन्न इलाकों में जनसेवा अभियान के तहत शिविर लगाकर लोगों को प्रदेश सरकार की विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी दे रहे हैं। उद्देश्य केवल एक कि जो भी पात्र हितग्राही हैं वे योजना के लाभ से वंचित न रह सके। इतना ही नहीं मुख्यमंत्री जनता को यह भी समझा रहे हैं कि वह उन सभी गलतियों को करने से बचें जिनसे उनका नुकसान हो सकता है।

शिवराज ने लोगों को बताया की पीएम किसान और मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना का खाता अलग अलग होना चाहिए। जिनके नाम खेती की जमीन है और खाता अलग है उनके खाते में ₹10000 हर साल जमा किए जाएंगे। साथ ही सरपंच जिम्मेदारी से इस बात को सुनिश्चित करें कि कोई भी लाभार्थी किसी भी योजना से वंचित ना रहे।

अपने भाषण के दौरान शिवराज को पीछे खड़ी एक महिला की आवाज आई। उन्होंने उस महिला को मंच पर लाने के लिए कहा। उन्होंने महिला से पूछा “बेटी क्या हुआ”, महिला ने शिवराज के सामने अपनी व्यथा रखी जिसके तुरंत बाद शिवराज ने कलेक्टर को पूछा कि इनका अब तक इलाज क्यों नहीं कराया गया। इसके तुरंत बाद शिवराज ने महिला से कहा कि मैं तुम्हारा इलाज एम्स भोपाल में कराऊंगा। शिवराज ने तुरंत महिला के इलाज के लिए पचास हजार की राशि भी मुहैया कराई और महिला से कहा कि “एक भाई तेरे पास खड़ा है और तेरा दूसरा भाई मैं हूं”। शिवराज ने कलेक्टर को आदेश दिया कि महिला को कल हर हालत में एम्स भोपाल पहुंचाया जाए।


About Author
Gaurav Sharma

Gaurav Sharma

पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

Other Latest News