गुरुद्वारा पहुंचे सीएम शिवराज ने मत्था टेका, लंगर में प्रसाद खाया, सेवा की

Atul Saxena
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। गुरुनानक देव जी के 553 वें प्रकाश पर्व के मौके पर सीएम शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) ने भी गुरुद्वारा पहुंचकर मत्था टेका। सीएम शिवराज राजधानी में हमीदिया रोस स्थित गुरुद्वारे पहुंचे उनके साथ मंत्री हरदीप सिंह डंग भी थे।  सीएम ने यहाँ लंगर में जमीन पर बैठकर प्रसाद भी ग्रहण किया।

प्रकाश पर्व (Guru Nanak Dev Prakash Parv) आज पूरे देश में उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। मध्य प्रदेश के गुरुद्वारों में भी सुबह से पाठ, कीर्तन, लंगर सहित अन्य धार्मिक आयोजन हो रहे है। श्रद्धालु मत्था टेकने गुरुद्वारे पहुँच रहे हैं अउ रेक दूसरे को प्रकाश पर्व की बधाइयाँ दे रहे हैं।

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सीएम शिवराज भी आज हमीदिया रोड स्थित गुरुद्वारे पहुंचे, उन्होंने मत्था टेका, वहां जमीन पर बैठकर अरदास की। उन्होंने सम्बोधित करते हुए कहा कि मेरे भाइयों-बहनों, भांजे-भांजियों, आपको गुरुनानक देव जी के प्रकाश पर्व की लख-लख बधाइयां, शुभकामनायें।  ऐसा प्रकाश गुरु का जो हम सबके जीवन को धन्य करने का काम करता है। उन्होंने जो शिक्षाएं दीं, वह आज भी प्रासंगिक हैं। पूरी दुनिया को शाश्वत शांति के मार्ग पर उन्हीं का प्रकाश ले जा सकता है। श्रद्धेय गुरु जी के चरणों में मत्था टेककर यही प्रार्थना करता हूं कि सुख, समृद्धि और रिद्धि-सिद्धि सबकी जिंदगी में आये।

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सीएम शिवराज ने गुरुद्वारे में जमीन पर बैठकर लंगर में प्रसाद ग्रहण किया, अपनी जूठी थाली भी खुद उठाई  और उसे धोकर साफ़ किया , इसके बाद उन्होंने वहां लंगर में लोगों को भोजन भी परोसा।  उन्होंने अपने ट्वीट में कहा -एक नूर ते सब जग उपज्या! गुरु महाराज ने कहा कि हम सब एक ही पिता की संतान है। कोई भेदभाव नहीं है। उन्होंने कहा कि सारी मानवता एक है और एक हमारे परमपिता हैं। हम उनके दिखाये मार्ग पर चलें तो सारे भेदभाव समाप्त हो जायें और सभी समस्याओं का समाधान हो जाये।

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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