भोपाल। मुख्यमंत्री कमलनाथ की मंशा के अनुरूप राज्य सरकार अब कलेक्टर का नाम बदलने जा रही है। दरअसल चुनाव जीतने के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस तरह की मंशा प्रकट की थी कि कलेक्टर शब्द न तो जनता से आत्मीय संबंध स्थापित करता हुआ लगता है और दूसरा इससे अंग्रेजियत की बू भी आती है।
कमलनाथ की मंशा के अनुरूप सीनियर आईएएस अधिकारी आईपीसी केसरी की अध्यक्षता में 5 सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया जिसमें मलय श्रीवास्तव, विशेष गढ़पाले, प्रीति मैथिल और मनीष रस्तोगी शामिल थे। इस कमेटी की सोमवार को हुई बैठक में इस बात पर चर्चा हुई कि कलेक्टर के नाम को लेकर किस तरह से आम जनता से संवाद स्थापित कर एक ऐसा नाम चुना जाए जो सर्वमान्य हो। समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि इस नाम के चुनाव के लिए जनप्रतिनिधियों, पत्रकारों, राज्य प्रशासनिक सेवा जैसे संगठनों और कर्मचारी संगठनों से भी संवाद स्थापित किया जाएगा। समिति को अपनी रिपोर्ट एक माह में मुख्यमंत्री कमलनाथ को सौंपनी है। इसलिए यह उम्मीद की जा रही है कि अगले वित्तीय वर्ष में कलेक्टर का नाम कलेक्टर नहीं रहेगा।