आयोग ने जन अभियान परिषद के हाथ-पैर बांधे, भाजपा के पक्ष में काम करने के लगे थे आरोप

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भोपाल। चुनाव आयोग मप्र सरकार के एनजीओ जन अभियान परिषद की मनमानी पर रोक लगा दी है। अब परिषद चुनाव आयोग से बिना पूछे किसी भी तरह की गतिविधियों को अंजाम नहीं दे सकता है। परिषद के खिलाफ चुनाव आयोग को कई जिलों से शिकायतेें मिल रही थीं कि भाजपा के पक्ष में काम कर रहा है। आयोग ने कई शिकायतों को जांच में सही पाया, इसके बाद यह कार्रवाई की है।

दरअसल जनअभियान परिषद द्वारा प्रदेश भर में विभिन्न एनजीओ के माध्मय से विभिन्न कार्य कराए जा रहे हैं। चुनाव के दौरान परिषद ने एनजीओ के माध्यम से भाजपा को फायदा पहुंचाने के काम किए। कई जिलों से चुनाव आयोग में इसको लेकर शिकातय भी हुई। आयोग ने जांच में आरोप सही पाए गए। आयोग ने परिषद की गतिविधियों पर रोक  लगाने की कार्रवाई की, लेकिन परिषद के कर्ताधर्ता आयोग के आदेश को मानने को तैयार नहीं है। 

सरकार के दबाव में सिर्फ खानापूर्ति कर रहा आयोग: गुप्ता

कांग्रेस पोल-खोल अभियान समिति के अध्यक्ष भूपेन्द्र गुप्ता ने कहा कि आयोग सरकार के दबाव में काम रहा है। जन अभियान परिषद के कर्ताधर्ता डॉ धीरेन्द्र पाण्डेय का कार्यकाल 14 नवंबर को पूरा हो चुका है, वे असंवैधानिक रूप से परिषद में डटे हुए हैं। आयोग ने उन्हें हटाने की कार्रवाई नहीं की है। गुप्ता ने आरोप लगाए कि जब किसी संस्था में बड़े स्तर पर गड़बड़ी हो रही है तो फिर उसके कर्ताधर्ता पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही। आयोग सिर्फ कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति कर रहा है। गुप्ता ने कहा कि हमने प्रसफ्फुटन समितियों के खातों पर रोक लगाने की मांग की थी, लेकिन आयोग ने कोई कार्रवाई नहीं की। अभी भी समितियों के खातों से बालंटियर्स के खाते में पैसा ट्रांसफर हो रहा है। 


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