भोपाल| शिवराज सरकार में राज्यमंत्री का दर्जा पाने वाले कंम्यूटर बाबा को अब कमलनाथ सरकार में भी बड़ी जिम्मेदारी मिली है। प्रदेश सरकार ने लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने से पहले नामदेव दास त्यागी (कम्प्यूटर बाबा) को नदी न्यास का अध्यक्ष नियुक्त किया है। आचार संहिता लगने की हड़बड़ी में कई कामकाज जल्दबाजी में निपटाए गए| इस बीच कंप्यूटर बाबा की नियुक्ति भी बैक डेट में कर दी गई| अध्यात्म विभाग द्वारा जारी नियुक्ति के आदेश में 8 मार्च 2018 की तारिख डाली गई है|
दरअसल, कम्प्यूटर बाबा को नदी न्यास का अध्यक्ष बनाए जाने का आदेश एक साल पुरानी तारीख में जारी किया गया है। आदेश में अध्यात्म विभाग के उपसचिव किरण मिश्रा के हस्ताक्षर हैं और आदेश की तारीख आठ मार्च 2018 बताई गई है, जबकि विभागीय मंत्री पीसी शर्मा ने बताया कि हमने नियुक्ति हाल ही में की है। आदेश जारी करने की तारीख में लिपिकीय त्रुटि हो सकती है। अब इस आदेश को लेकर सवाल उठ रहे हैं, आचार संहिता से पहले जारी आदेश क्या अब संसोधित किये जाएंगे|
सरकार ने पिछले दिनों मां नर्मदा, मां क्षिप्रा और मां मंदाकिनी नदी न्यास का गठन किया है। न्यास इन नदियों के संरक्षण की दिशा में काम करेगा। साथ ही नदियों के दोनों तटों पर पौधरोपण का काम भी अपनी निगरानी में करवाएगा। सरकार ने नदी न्यास का अध्यक्ष कंप्यूटर बाबा को नियुक्त किया है| पिछले कुछ सालों में कंप्यूटर बाबा प्रदेश की राजनीति का एक हिस्सा बन गए हैं| पहले शिवराज सरकार के खिलाफ नर्मदा यात्रा की पोल खोलने का मन बनाने वाले कंप्यूटर बाबा को राज्यमंत्री का दर्जा मिला| लेकिन कुछ महीने में उनका इससे मोहभंग हो गया और उन्होंने शिवराज के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और चुनाव में खुलकर कांग्रेस और कमलनाथ का समर्थन किया| जिसके बाद सरकार ने भी उन्हें तोहफा दिया है| हालाँकि ऐसी भी चर्चा है कि सरकार के तोहफे कंप्यूटर बाबा को ज्यादा दिन रास नहीं आते हैं| सूत्रों के मुताबिक, बाबा ने शिवराज सरकार के खिलाफ नर्मदा नदी में हो रहे अवैध उत्खनन और पौधरोपण का मुद्दा उठाया था। बताया जा रहा है कि कम्प्यूटर बाबा नदी संरक्षण के लिए न्यास के माध्यम से सरकार को सलाह देंगे। इसके अलावा जनजागरण का काम भी न्यास करेगा।