भोपाल।
विधानसभा चुनाव में जीत के बाद आश्वस्त नजर आ रही कांग्रेस अब लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गई है। लगातार चुनाव को लेकर रणनीति तैयार की जा रही है। खबर है कि कांग्रेस इस बार विधानसभा चुनाव में हारे हुए दिग्गज नेताओं पर दांव लगा सकती है।हालांकि मुख्यमंत्री कमलनाथ इस पर पहले ही संकेत दे चुके है कि पार्टी हारे हुए नेताओं को पूरा सम्मान देगी। इसके लिए रणनीति तैयार की जा रही है। इसके साथ ही प्रदेश में 15 साल बाद सत्ता में हुई वापसी के बाद पर भी मंथन किया जा रहा है कि अगले लोकसभा चुनाव में विधानसभा का प्रदर्शन कैसे बरकरार रखा जा सकता है।
फिलहाल कांग्रेस के पास विधानसभा चुनाव की तरह लोकसभा में उतारने के लिए कोई खास चेहरा नही है। इसके लिए कांग्रेस विधानसभा चुनाव में हारे दिग्गज नेताओं पर खेल खेलने की तैयारी में है। इसके लिए नेताओं को एक्टिव करने की रणनीति बनाई जा रही है। कांग्रेस इस बार 24 टिकटों का टॉरगेट लेकर चल रही है। लेकिन पार्टी का मानना है कि विधानसभा के नतीजे लोकसभा चुनाव परिणाम में परिवर्तित होते हैं तो वह 12 से 15 सीटें जीत सकती हैं। इसके लिए मुख्यमंत्री अजय सिंह, राजेंद्र कुमार सिंह, अरुण यादव, सुरेश पचौरी, रामनिवास रावत, मुकेश नायक, सुभाष सोजतिया और नरेंद्र नाहटा समेत 116 चुनाव हारे नेताओं की गुरुवार को बैठक बुलाई है। बैठक में कांग्रेस पार्टी दिग्गज नेताओं के हार के कारणों का भी विश्लेषण किया जाएगा। इसमें प्रमुख रूप से यह देखा जाएगा कि आखिरकार पार्टी को अपेक्षित सीटों पर सफलता क्यों नहीं मिल सकी।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ मंत्री मंडल में कई नेताओं को जगह नही मिल पाई है, जिसके चलते जीते हुए विधायकों में नाराजगी है और दिल्ली तक मामला पहुंच चुका है। ऐसे में अब पार्टी हारे हुए नेताओं को लेकर कोई रिस्क नही लेना चाहती। इसके लिए आलाकमान ने भी विधानसभा चुनाव में हारे हुए दिग्गज नेताओं को लोकसभा चुनाव की तैयारी करने के लिए कहा है। सीएम भी कुछ नेताओं को लोकसभा चुनाव के लिए मैदान में उतारना चाहते हैं। पार्टी संगठन में काम करने वाले नेताओं को भी राजनीतिक नियुक्तियों के माध्यम से समायोजित किया जाना है। इसलिए इन दिग्गजों को पार्टी में किसी भी बड़े पद पर नियुक्ति नहीं किया है।
इन नेताओं को यहां से मिला सकता है मौका
पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह (सीधी)
वरिष्ठ कांग्रेस नेता सुंदर लाल तिवारी (रीवा)
पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष राजेन्द्र सिंह (सतना)
पूर्व विधायक मुकेश नायक (दमोह)
पूर्व विधायक राम निवास रावत (मुरैना)
पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरुण यादव (खंडवा)
पूर्व मंंत्री सुरेश पचौरी (होशंगाबाद)