भोपाल। लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने मध्य प्रदेश में पिछले चुनाव में हारे तीन उम्मीदवारों को छोड़कर बाकी सीटों पर नए प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है| जबकि ये तीनों दिग्गज अपना पिछला चुनाव हार चुके हैं| दरअसल, जबलपुर से प्रत्याशी बनाए गए विवेक तंखा साल 2014 में बीजेपी के राकेश सिंह से 2लाख 8 हजार वोटों से चुनाव हारे थे| ऐसे ही सीधी से प्रत्याशी बनाए गए अजय सिंह साल 2014 में सतना सीट से कांग्रेस प्रत्याशी थे, वो बीजेपी के गणेश सिंह से 8 हजार 688 वोटों से हारे थे जबकि खंडवा से प्रत्याशी बनाए गए अरुण यादव बीजेपी के नंदकुमार सिंह चौहान से 2.59 लाख वोटों से चुनाव हार गए थे| हालांकि कांग्रेस का मानना है कि पिछली बार मोदी लहर के दौरान चुनाव हारे ये प्रत्याशी इस बार अपनी सीट निकाल लेंगे|
इसके अलावा बाकी 10 सीटों पर ऐसे प्रत्याशी मैदान में उतारे हैं जो पिछला लोकसभा चुनाव नहीं लड़ पाए थे| विधानसभा चुनाव जीतकर 15 साल बाद सत्ता में वापस आई कांग्रेस उत्साह से भरी है| पार्टी संगठन और सरकार के 3 महीने में किए गए काम-काज के बल पर प्रदेश में अधिक से अधिक सीटें जीतना चाह रही है इसलिए कांग्रेस एक एक सीट पर विचार-विमर्श के बाद प्रत्याशियों का नाम घोषित कर रही है|
कांग्रेस का सबसे ज्यादा फोकस उन सीटों पर है, जहां कांग्रेस कई सालों से चुनाव नहीं जीती है| इंदौर, भोपाल, विदिशा, जबलपुर, ग्वालियर, आदि सीटें शामिल हैं| बीजेपी की मानें तो इन प्रत्याशियों को उतारने के सिवा पार्टी के पास कोई दूसरा विकल्प नहीं है| विधानसभा चुनाव के वक्त भी राहुल गांधी ने हारे नेताओं को स्थान पर नए चेहरों को टिकट देने की बात कहीं थी| लेकिन पार्टी हाईकमान ने केवल जीतने वाले नेता को टिकट दिया| वहीं लोकसभा में एक बार पार्टी ने अपनी पुरानी रणनीति को दोहराया है| अब देखना होगा कांग्रेस का यह दांव कितना सफल होता है|