भोपाल।
भोपाल सीट से बीजेपी की उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा ठाकुर द्वारा 26/11 हमले में शहीद हुए एटीएस चीफ हेमंत करकरे को लेकर दिए गए बयान के बाद सियासत गर्मा गई है। जहां बीजेपी ने बयान का बचाव किया है वही कांग्रेस ने आपत्ति जताई है।कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने इस बयान को शहीदों का अपमान बताया है।वहीं दूसरी तरफ मध्यप्रदेश चुनाव आयोग ने साध्वी प्रज्ञा के बयान पर संज्ञान लेते हुए इसकी जांच शुरू कर दी है।
दरअसल, गुरुवार को प्रेसवार्ता के दौरान साध्वी प्रज्ञा ने मुंबई हमले में शहीद हुए हेमंत करकरे पर गंभीर आरोप लगाए थे। साध्वी का कहना था कि हेमंत करकरे ने मेरे साथ काफी गलत तरीके से व्यवहार किया था और गलत तरीके से फंसाया था। जांच आयुक्त के सदस्यों ने हेमंत करकरे को बुलाया था और कहा था कि जब साध्वी के खिलाफ कोई सबूत नही है तो उसे जाने दो । सबूत के अभाव में उन्हें रखना गैर कानूनी है। लेकिन हेमंत बोला कुछ भी हो जाए , मै कही से भी सबूत लेकर आउंगा लेकिन साध्वी को किसी भी हालत में नही छोड़ूंगा। साध्वी ने कहा कि ये उसकी कुटिलता थी देशद्रोह था, धर्म के विरुद्ध था। और मुझसे पूछा करता था ऐसा क्यो हुआ वैसे क्यों हुआ। क्या मुझे जवाबों के लिए भगवान के पास जाना पड़ेगा, मैने कहा जाना है तो जाओ , तेरा सर्वनाश होगा और कुछ दिनों बाद ही उसकी मौत हो गई। साध्वी ने कहा मैंने उसे कहा था तेरा सर्वनाश होगा, उसने मुझे गालियां दी थीं। जिस दिन मैं गई तो उसके यहां सूतक लगा था और जब उसे आतंकियों ने मारा तो सूतक खत्म हुआ। जिसके बाद आय़ोग ने मामले को संज्ञान में लिया।
वीडियो भी हुआ था वायरल
साध्वी प्रज्ञा का इसका वीडियो भी वायरल हुआ था। हैरानी की बात तो ये है कि जब मंच से साध्वी यह सब बोल रही थी तो पास ही बीजेपी के कई नेता बैठे हुए थे, लेकिन किसी ने कुछ नही कहा और चुपचाप सुनते रहे। वही वीडियो वायरल होने के बाद साध्वी अपने बयान पर अड़ी हुई है, उनका कहना है कि मैंने जो बोला, सही बोला है ।मैं अपने मन से कुछ नहीं बोलती, मेरे से ठाकुर जी बुलवाते है।
दिग्विजय बोले-इस मामले में कुछ नही कहूंगा
वही साध्वी के प्रतिद्वंदी दिग्विजय सिंह का कहना है कि मैंने तय किया है विपक्ष के सवालों के जवाब नहीं दूंगा। लेकिन हेमंत करकरे कर्तव्यनिष्ठ पुलिस अफसर थे। देश की सुरक्षा के लिए शहीद हुए, उनकी शहादत पर हमको गर्व होना चाहिए, जिसने देश के लिए शहादत दी, उसके बारे में किसी तरह की टिप्पणी नहीं करना चाहिए। मैं इसमें कुछ नहीं कहूंगा लेकिन हेमंत करकरे जी एक इमानदार और कमिटेड अफसर थे।