भोपाल। राज्य शासन ने अनुसूचित जनजाति वर्ग के हितग्राहियों की कुल ऋण राशि में से एक लाख रुपए तक राशि को माफ कर दिया है। यह ऋण माफी 31 दिसम्बर 2018 तक की स्थिति में की गई है। इस संबंध में जनजातीय कार्य विभाग ने आदेश जारी कर दिया है।
यह ऋण माफी अनुसूचित जनजाति वर्ग के उन पात्र ऋणियों की, की गई है जिन्होंने मध्यप्रदेश अनुसूचित जनजाति वित्त विकास निगम, राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति वित्त एवं विकास निगम तथा राष्ट्रीय विकलांग वित्त एवं विकास निगम से विभिन्न योजनाओं में प्राप्त ऋण राशि पर की जायेगी। पिछले कुछ सालों में कांग्रेस के परंपरागत आदिवासी वोट बैंक में भजापा ने सेंध लगाई। लेकिन कमलनाथ सरकार ने अनुसूचित जनजाति वर्ग का एक लाख तक का कर्जा माफ करने की घोषणा कर इस वर्ग को साधने की कोशिश की है। लोकसभा चुनाव से पहले सभी वर्गों को साधने की कोशिश में सरकार के फैसले कांग्रेस के लिए संजीवनी का काम कर सकते हैं|
जनजाति वर्ग के लोगों ने मध्यप्रदेश अनुसूचित जनजाति वित्त विकास निगम, राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति वित्त एवं विकास निगम तथा राष्ट्रीय विकलांग वित्त एवं विकास निगम के अंतर्गत संचालित विभिन्न् योजनाओं में कर्ज ले रखा है। सरकार ने इसमें से एक लाख तक का कर्ज माफ कर दिया है। आदिम जाति कल्याण विभाग ने शुक्रवार को इसके आदेश जारी कर दिए हैं। अब संबंधित संस्थाएं कर्ज का आकलन कर कर्जमाफी की कार्यवाही शुरू करेंगी। जनजातीय वर्ग के किसी व्यक्ति ने संबंधित संस्थाओं से किसी भी योजना में डेढ़ लाख का कर्ज ले रखा है, तो उसमें से एक लाख तक की राशि माफ हो जाएगी। जबकि शेष 50 हजार रुपए कर्जदार को जमा करने होंगे।