शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने ली अधिकारियों की बैठक, पाठ्यक्रम में भारतीय संस्कृति, महापुरुषों और गाय को लेकर दिए महत्वपूर्ण निर्देश

Shashank Baranwal
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Bhopal News: राजधानी भोपाल में बुधवार 17 जनवरी को मप्र पाठ्य पुस्तक स्थायी समिति की बैठक हुई। जिसमें प्रदेश के शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने अधिकारियों के साथ बैठक कर स्कूली पाठ्यक्रमों में कुछ महत्वपूर्ण विषयों पर निर्देश दिए। इस दौरान स्कूल शिक्षा मंत्री श्री उदय प्रताप सिंह ने स्कूलों में बच्चों को भारतीय संस्कृति के महत्व एवं हमारी प्राचीन परंपरा के बारे में नियमित जानकारी देने की बात कही। जिसके कारण बच्चों को देश और संस्कृति के सम्मान बढ़ने के साथ मजबूत होगा। आपको बता दें इस दौरान प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा रश्मि अरूण शमी भी उपस्थित रहीं।

अगले शैक्षणिक सत्र की तैयारी अभी से कर लें सुनिश्चित

मप्र पाठ्य क्रम स्थायी समिति के अध्यक्ष डॉ. प्रकाश सी बरतूनिया ने बैठक प्रारंभ होते ही समिति की कार्यप्रणालियों और पुस्तकों के पाठ्यक्रम को लेकर जानकारी दी। वहीं इस दौरान बैठक को संबोधित करते हुए शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने कहा कि सड़को पर होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए स्कूली बच्चों को शुरूआत से ही यातायात के नियमों को जानकारी देनी चाहिए। इसके लिए शिक्षकगण एक तयशुदा कार्यकर्म के तहत हर कक्षा केो अलग-अलग कर जानकारी दे सकते हैं। इसके सात ही उन्होंने संयुक्त परिवार को लेकर बात की। जहां उन्होंने संयुक्त परिवार को भारत की पहचान बताया। वहीं संयुक्त परिवार पर विशेष ध्यान देने की बात कही है। उन्होने कहा कि इसके महत्व से बच्चों में पारिवारिक रिश्तों मजबूत होंगे। अगले शैक्षणिक सत्र को लेकर उन्होंने अधिकारियों से कहा कि बच्चों की पाठ्य पुस्तकें समय पर उपलब्ध कराने के लिए अभी से व्यवस्थाएं बना लें। साथ ही राज्य के जनजातीय महापुरूषों पर केंद्रित पुस्तकों के प्रकाशन पर जोर देने की बात कही। वहीं महापुरूषों की जयंती और त्योहारों के महत्व को लेकर जानकारी बी देने की बात कही।

गाय की महत्ता के बारें में कही यह बात

शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने गाय की महत्ता को लेकर भी बैठक में बात की है। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में गाय की विशेष महत्ता है। वहीं गाय के महत्त्व को लेकर भी बच्चों में जानकारी देनी चाहिए। इसके लिए बच्चों को शुरूआत से ही बताई जानी चाहिए। जिससे गाय के प्रति सम्मान बढ़ेगा और वे अच्छी तरह से गाय की देखभाल कर सकेंगे। वहीं मंत्री उदय प्रताप सिंह ने ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ थीम पर स्कूलों में बच्चों की गतिविधियाँ बढ़ाए जाने के निर्देश दिए।

स्कूल की बाल सभा के बारे में जानकारी प्राप्त की

स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने स्थायी समिति की बैठक में कक्षा 8 तक प्रति शनिवार होने वाली बाल सभा व्यवस्था की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि बाल सभा में नशे की आदत के दुष्प्रभाव एवं सामाजिक बुराई के बारे में जानकारी देने की बात कही। साथ ही स्कूलों में मनोवैज्ञानिक विशेषज्ञों की सेवाएं सुनिश्चित की जाने की बात बैठक में कही गई। जिससे बच्चों में निराशा के भाव दूर किया जा सकेगा। आपको बता दें इस बैठक में डॉ. भागीरथ कुमरावत, डॉ. रघुवीर प्रसाद गोस्वामी, श्री जीवन प्रकाश आर्य, डॉ. अनूप जैन, डॉ. विनय सिंह चौहान, श्रीमती सुषमा यदुवंशी, डॉ. मनमोहन प्रकाश श्रीवास्तव और समिति के सदस्य सचिव संचालक राज्य शिक्षा केन्द्र धनराजू एस भी मौजूद थे।


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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है–खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालोमैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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