भोपाल। मध्य प्रदेश में लंबे समय से अतिथि विद्वान अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। विधानसभा चुनाव के समय कांग्रेस ने वादा किया था कि सत्ता में आने के बाद अतिथि विद्वानों का नियमितीकरण किया जाएगा। राजधानी भोपाल में अतिथि विद्धानों का आंदोलन 20वें दिन भी जारी रहा। इस दौरान उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी उन्हें मनाने पहुंचे थे। उन्होंने आंदोलन कर रहे अतिथि विद्धानों को बड़ा भाई बताते हुए आंदोलन समाप्त करने का आग्रह किया, लेकिन अतिथि विद्वानों ने दो टूक कहा कि पहले हाथ में आदेश चाहिए, उसके बाद ही हम यहां से उठेंगे। अतिथि विद्वानों को मनाने के लिए मंत्री ने उनके नियिमतीकरण किए जाने का एक बार फिर आश्वासन दिया। उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री की भी यही मंशा है।
मंत्री पटवारी ने कहा कि किसी भी अतिथि विद्वान को सेवा से नहीं निकाला जाएगा, यह उनका वादा है। मैं मंत्री की नहीं, बल्कि एक बड़े भाई की हैसियत से यहां आया हूं। मेरे बड़े भाई के रूप में आप सबको सलाह है कि आंदोलन समाप्त कर दें। पटवारी ने वादा किया कि किसी भी अतिथि की सेवा समाप्त नहीं होगी।
इधर अतिथि विद्धान मोर्चा के संयोजक देवराज सिंह एवं सुरजीत सिंह ने बताया कि अब आश्वासन से काम नहीं चलने वाला है। हमें हाथ में पहले नियुक्ति पत्र चाहिए। इसके बाद ही आंदोलन को समाप्त किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इन हालातों में मौखिक बातें कोई मायने नहीं रखती हैं। मंत्री ऐसा आदेश जारी करें, जिससे किसी भी अतिथि की नियुक्ति प्रभावित न हो सके। मोर्चा के प्रवक्ता मंसूर अली खान का कहना है कि हमने सरकार को नियमितीकरण हेतु सुझाव दिए हैं। अगर उनको सरकार मान्य करती है तो एक ओर जहां आसानी से हमारा नियमितीकरण हो जाएगा तो दूसरी ओर सरकार को भी कोई दिक्कत नहीं होगी।