भोपाल। लोकसभा चुनाव 2019 में प्रत्याशियों के फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सएप ग्रुप पर किए जाने वाले प्रचार पर चुनाव आयोग की नजर रहेगी। सोशल मीडिया पर प्रचार के लिए किया गया खर्चा भी संबंधित प्रत्याशी के खाते में जोड़ा जाएगा। इतना ही नहीं बल्क एसएमएस भेजने पर भी इसका खर्चा प्रत्याशी के खाते में जुड़ेगा। निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार प्रचार अभियान में मोबाइल पर बल्क एसएमएस और वॉयस मैसेज भी चुनाव विज्ञापन की श्रेणी में माने जाएंगे।
एक प्रत्याशी अगर एक हजार लोगों को व्हाट्सएप पर मैसेज करता है तो उसके खाते में 200 रुपए जोड़े जाएंगे। एक एसएमएस का 2.6 पैसा के हिसाब से बल्क एसएमएस चार्ज किया जाएगा। चुनाव खर्च पर नजर रखने के लिए चुनाव आयोग ने सोशल मीडिया कंपनियों से टाइअप किया है। चुनाव आयोग एक टीम बना रहा है, जो हर तीन-तीन दिन में प्रत्याशियों से सोशल मीडिया पर प्रचार का हिसाब लेगी और यह टीमें विविध ग्रुपों पर होने वाले प्रचार पर नजर रखेंगी। नामांकन भरने के दौरान शपथ पत्र में प्रत्याशियों को अपने सभी सोशल मीडिया अकाउंट की जानकारी देना होगी। मामले में पूरी सख्ती रहेगी।
प्रचार के जल्द तय होंगे दाम
चुनाव आयोग जल्द ही फेसबुक और ट्विटर पर प्रचार करने के दाम भी तय कर देगा। इसके बाद प्रत्याशियों से नामांकन के समय सोशल मीडिया एकाउंट की जानकारी लेकर प्रचार का खर्चा उसके खाते में जोड़ा जाएगा।
पहले लेना होगा सर्टिफिकेट
भारत निर्वाचन आयोग ने चुनाव प्रचार के लिए राजनैतिक दलों, उम्मीदवारों एवं उनके समर्थकों द्वारा मोबाइल पर भेजे जाने वाले एसएमएस और वॉयस मैसेज को जारी करने के पूर्व मीडिया प्रमाणन एवं मीडिया निगरानी समिति से प्रमाणित कराना अनिवार्य होगा। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ. सुदाम खाडे ने बताया कि बल्क एसएमएस एवं वॉयस मैसेज की भी मॉनीटरिंग की मॉनीटरिंग की जा रही है, ताकि चुनाव प्रचार अभियान के दौरान इस सुविधा का दुरूपयोग न हो सके। आयोग ने कहा सभी मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनियों को भी इन निर्देशों का पालन करना होगा।