भोपाल| फर्जी अंतरराष्ट्रीय कॉल सेंटर की आड़ में अमेरिकन नागरिकों से करोड़ों की धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का पिछले दिनों एसटीएफ ने पर्दाफ़ाश किया था| मध्य प्रदेश एसटीएफ की इस कार्रवाई की सिर्फ प्रदेश ही नहीं बल्कि अमेरिका की संघीय जांच एजेंसी (एफबीआई) भी कर रही है| एफबीआई के अधिकारियों ने मध्य प्रदेश एसटीएफ की सराहना की है, एफबीआई के अधिकारियों ने एसटीएफ के स्पेशल डीजी पुरुषोत्तम शर्मा से मुलाकात कर उनके काम की तारीफ की और इस कार्रवाई के लिए बधाई दी|
क्या बोले एफबीआई अधिकारी
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एसटीएफ के स्पेशल डीजी पुरुषोत्तम शर्मा से मिलने पहुंचे एफबीआई के अधिकारी माइकल स्टुअल ने इस कार्रवाई की सराहना करते हुए कहा साथ काम करना अच्छा लगा, ये एक बहुत ही गंभीर आपराध है, यह लोग नए नए तरीके और जटील किस्म के घोटाले करके अमेरिका के लोगों को प्रभावित करते हैं। न सिर्फ अमेरिका बल्की भारत के लोग भी इन अपराधियों से प्रभावित होते हैं और वह भी इनके जाल में फंस कर बेवकूफ बन जाते हैं। इस तरह के घोटालों में फंसने वाले पीड़ित हर जगह मौजूद हैं।
फर्जी कॉल सेंटर की आड़ में करते थे ठगी
एडीजी (साइबर व एसटीएफ) पुरुषोत्तम शर्मा के मुताबिक, पुलिस ने खुफिया इनपुट के आधार पर संदिग्ध नंबरों को इंटरसेप्ट किया था। कॉल डिटेल और रिकॉर्डिंग में खुलासा हुआ कि विजय नगर सी-21 मॉल के पीछे दिव्या क्रिस्टल और प्लेटिम प्लाजा में फर्जी अंतरराष्ट्रीय कॉल सेंटर की आड़ में अमेरिकी नागरिकों को धमकी दी जा रही है। यहां काम करने वाले युवक-युवतियां ब्रॉडकॉस्टिंग के जरिए अमेरिकियों को एक वॉइस एसएमएस भेजते हैं। मैसेज में कहा जाता है कि वे सोशल सिक्यूरिटी सेल अधिकारी हैं। उनका नंबर अवैध गतिविधियों जैसे मनी लॉन्ड्रिंग और ड्रग्स ट्रेफिकिंग में लिप्त पाया गया है। एजेंसी उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने जा रही है। कार्रवाई से बचने के लिए एक हेल्पलाइन नंबर भी दिया जाता है। अमेरिकी नागरिक मैसेज सुनते ही हेल्पलाइन पर कॉल करता है। कॉल सेंटर में मौजूद कर्मचारी उन्हें कार्रवाई से बचाने के नाम पर रुपए ऐंठ लेते थे। इस गिरोह का पर्दाफ़ाश होने पर पुरुषोत्तम शर्मा ने बताया कि यह एक बड़ी उपलब्धि है|
यह है मामला
दरअसल, पिछले दिनों इंदौर के विजय नगर (एबी रोड) क्षेत्र से दिव्या क्रिस्टल और प्लेटिनम प्लाजा में छापा मार कार्रवाई कर फर्जी अंतरराष्ट्रीय कॉल सेंटर का पर्दाफ़ाश किया था| यहां से आरोपित शाहरुख, भाविल और जावेद सहित 78 युवक-युवतियों को गिरफ्तार किया था। जबकि राहिल, सनी उर्फ अंकित, सिद्धार्थ रामचंदानी, हार्दिक नंदानिया, केवल साधु, मिनेष फरार हो गए थे। यह लोग खुद को सोशल सिक्योरिटी नंबर एडमिनिस्ट्रेशन व रेवेन्यू अफसर बताकर यूएस नागरिकों को धमकाकर रुपए जमा करवा लेते थे। स्पेशल डीजीपी पुरुषोत्तम शर्मा ने एफबीआई से फर्जीवाड़े की रिपोर्ट साझा की थी।