माखनलाल जाटव हत्याकांंड: पूर्व मंत्री लाल सिंह आर्य ने किया सरेंडर, 27 अप्रैल को होगी सुनवाई

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भोपाल

शिवराज सरकार में मंत्री रहे लाल सिंह आर्य ने माखन सिंह जाटव हत्याकांड मामले में सरेंडर कर दिया है। आर्य ने भोपाल की विशेष अदालत में न्यायाधीश सुरेश सिंह के सामने सरेंडर कर दिया है।इस दौरान उनके वकील भी उनके साथ मौजूद रहे। हालांकि थोड़ी देर बाद ही उन्हें कोर्ट से जमानत मिल गई। अब अगली सुनवाई 27 अप्रेल को होगी। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।बता दे कि बीते दिनों ही आर्य की अग्रिम जमानत को खारिज किया गया था।आर्य की अग्रिम जमानत अर्जी पूर्व में भिण्ड अदालत और ग्वालियर हाई कोर्ट से भी खारिज हो चुकी है।लेकिन अब उन्हें कोर्ट ने जमानत दे दी है।

दरअसल, बीते दिनो ही राजधानी भोपाल की विशेष अदालत के विशेष न्यायाधीश सुरेश सिंह ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा था कि आरोपित के खिलाफ पूर्व में भिंड की विशेष अदालत से गिरफ्तारी वारंट जारी किए गए हैं।आरोपित निरंतर गिरफ्तारी से बचता रहा है। गंभीर अपराध होने से उसे अग्रिम जमानत का लाभ नहीं दिया जा सकता। वहीं पूर्व मंत्री आर्य ने जमानत अर्जी पर तर्क दिया था कि उन्हें राजनीतिक द्वेष के चलते झूठा फंसाया गया है।इसके बाद आज उन्होंने खुद कोर्ट में सरेंडर कर दिया है।बता दे कि बीते साल आर्य के खिलाफ चल रहे हत्या के प्रकरण की सुनवाई को भोपाल में शिफ्ट किया गया था।इससे पहले यह केस लहार में चल रहा था। सीबीआई ने हाईकोर्ट में रिविजन पिटिशन लगा रखी थी। इसमें एक इंटरविन एप्लीकेशन दायर हुई थी। 

ये है पूरा मामला

गौरतलब है कि वर्ष 2008 में विधानसभा चुनाव में माखन सिंह जाटव कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते थे। चुनाव के दौरान उनका भाजपा नेता लालसिंह आर्य से विवाद हुआ था। इसके चलते लालसिंह ने सार्वजनिक रूप से माखन सिंह जाटव को जान से मारने की धमकी दी थी। वर्ष 2009 में लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस विधायक माखन सिंह जाटव की हत्या हो गई। इस मामले पुलिस जांच के दौरान लालसिंह आर्य को आरोपी नहीं बनाया गया था। इस बात पर राजनैतिक स्तर पर काफी हंगामे की स्थिति बनी थी। मामले में सीबीआई जांच भी की गई और मामला भिंड की विशेष अदालत से इंदौर उच्च न्यायालय तक पहुंचा। बाद में इंदौर उच्च न्यायालय ने पुन: मामले में भिंड विशेष अदालत में स्थानांतरित कर दिया। भिंड अदालत में सुनवाई के दौरान लाल सिंह आर्य मंत्री पद पर थे और उनके खिलाफ सात बार गिरफ्तारी वारंट जारी किए जा चुके थे। अंतिम बार आर्य के खिलाफ वर्ष 2017 में गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया। भोपाल में एमपी एमएलएके खिलाफ मामलों की सुनवाई के लिए गठित विशेष अदालत को मामले की सुनवाई स्थानांतरित कर दी गई।

लोकसभा चुनाव में मांगा है टिकट

विधानसभा चुनाव में हार के बाद आर्य लोकसभा में अपना दांव आजमाने में लगे हुए है। आर्य भिंड से टिकट के लिए प्रयास कर रहे हैं। आर्य गोहद से चुनाव हार गए थे।हालांकि इस केस के बाद उनकी मुश्किलें और बढ़ गई है, ऐसे में पार्टी उन्हें टिकट देगी या नही ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा।


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