भोपाल| मध्य प्रदेश में भी आखिरकार अब गरीब सवर्णों को दस फीसदी आरक्षण का लाभ मिल सकेगा| केंद्र सरकार के फैसले के छह माह बाद प्रदेश सरकार ने इसे लागू कर दिया है| इसका लाभ सरकारी नौकरी और शैक्षणिक संस्थाओं में प्रवेश पर मिलेगा। इससे पहले कैबिनेट बैठक में इस प्रस्तावों को मंजूरी मिली थी, जिसके बाद आज मंगलवार को सरकार ने इस सम्बन्ध में आदेश जारी कर दिए हैं|
दरअसल, केंद्र की मोदी सरकार ने लोकसभा चुनाव से पहले बड़ा दांव खेलते हुए केंद्र सरकार ने सवर्ण जातियों को आर्थिक आधार पर 10 फीसदी आरक्षण देने का फैसला किया था| जिसके बाद कई राज्यों ने इसे कुछ ही दिनों में लागू कर दिया था| लेकिन प्रदेश की कांग्रेस सरकार में यह मामला लगातार अटका रह| इस बीच चुनाव बाद केंद्र में दोबारा मोदी सरकार बन गई| वहीं कमलनाथ सरकार ने भी इसे लागू करने की तैयारी पूरी की और पिछले दिनों मुख्यमंत्री कमलनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इस निर्णय को हरी झंडी मिल गई थी।
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बनवाना होगा आय और संपत्ति का प्रमाण पत्र
अब आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (सवर्ण) को सरकारी नौकरी और शैक्षणिक संस्थाओं में प्रवेश के लिए मध्यप्रदेश में दस प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा। सभी तरह से आठ लाख रुपए सालाना आय वालों को इस आरक्षण की पात्रता होगी। आरक्षण सिर्फ उन्हीं सवर्णों को मिलेगा, जिनकी सभी स्रोतों से वार्षिक आय आठ लाख रुपये से कम होगी। साथ ही वे मकान के लिए तय किए गए नियमों को फाॅलो करते होंगे। आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) को सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थाओं में दस प्रतिशत कोटा मिलेगा। जिन शिक्षण संस्थाओं में प्रवेश की प्रक्रिया पूरी हो गई है, वहां यह अगले सत्र से प्रभावी होगा। कोटा का लाभ लेने के लिए आय और संपत्ति का प्रमाण पत्र तहसीलदार से निचले स्तर के अधिकारी से बनवाना होगा। अब राज्य लोक सेवा आयोग व अन्य एजेंसी के माध्यम से जो भी सीधी भर्ती होगी, उसमें यह आरक्षण लागू होगा। अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थाओं को छोड़कर सभी शिक्षण संस्थाओं में दस फीसदी स्थान आर्थिक तौर पर कमजोर वर्ग के लिए आरक्षित रहेंगे।
यह होंगे पात्र
– ऐसे परिवार, जिनकी सभी स्रोत (वेतन, कृषि, व्यवसाय आदि) से सालाना आय आठ लाख रुपए से अधिक न हो।
– पांच एकड़ तक भूमि के स्वामी (राजस्व रिकॉर्ड में लगातार तीन साल बंजर, पथरीली या बीहड़ भूमि इसमें शामिल नहीं)
– नगर निगम क्षेत्र में 1200 वर्गफीट तक मकान या फ्लैट।
– नगर पालिका क्षेत्र में 1500 वर्गफीट तक मकान या फ्लैट।
– नगर परिषद क्षेत्र में 1800 वर्गफीट तक मकान या फ्लैट।
-ग्रामीण क्षेत्र को मकान या फ्लैट के बंधन से मुक्त रखा गया है।