भोपाल। राज्य सरकार प्रदेश में शराबबंंदी और आबकारी की नई नीति को लेकर फिलहाल असमंजस में है। मार्च के पहले हफ्त में आचार संहिता लागू होने की संभावना है। सरकार उससे पहले आबकारी नीति में बदलाव करे या नहीं इस पर विचार कर रही है। सूत्रों ने कहा कि तीन महीने के लिए शराब के नए सिरे से अनुबंध करने पर विचार चल रहा है। नई आबकारी नीति लोकसभा चुनावों के बाद शुरू की जाएगी। शराब के ठेकों का नवीनीकरण तीन महीने के लिए अनुबंध राशि का 10% अधिक लेकर किया जा सकता है।
गुरूवार को हुई कैबिनेट बैठक में सरकार ने ठेकेदारों को बड़ी राहत देते हुए एयरपोर्ट पर बार खोलने की अनुमति दे दी है। एयरपोर्ट के 1500 स्क्वायर फीट के दायरे से कम पर शराब बिक्री की भी अनुमति दे दी है। पहले 1500 स्क्वायर फीट होना जरूरी था। अब तक शराब के मुद्दे पर बीजेपी को घेरने वाली कांग्रेस खुद की सरकार में आने के बाद शराब को बढ़ावा दे रही है।
गौरतलब है कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नई शराब की दुकाने खोलने पर रोक लगादी थी। नर्मदा नदी के पांच किमी के पास सराब दुकान खोलने पर प्रतिबंध था। नई सरकार अब इन नीतियों पर भी विचार कर रही है। शाबर को बढ़ावा देने पर अब लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के लिए विपक्ष मुश्किलें खड़ी कर सकता है। इसलिए कमलनाथ सरकार कोई बड़ा बदलाव फिलहाल नहीं करना चाहती।
विधानसभा चुनाव से पहले दिया था बैन का आश्वासन
पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अरूण यादव ने कांग्रेस के सत्ता में आने से पहले शराबबंदी की मांग की थी। यादव ने शराब के खिलाफ प्रदेश में आंदोलन करने की चेतावनी दी थी। विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस ने बीजेपी सरकार का कई बार घेराव भी किया था। महिला कांग्रेस ने भी शराबबंदी के पक्ष में प्रदेशव्यापी अभियान शुरू किया था। लेकिन सत्ता में आने के बाद अब सरकार का रूख बदल गया है।