भोपाल। जंगलों के विकास और हिफाजत के लिए राष्ट्रीय स्तर पर गठित भारतीय वन सेवा के अफसर पौधारोपण से बचने की कोशिश कर रहे हैं। चंद कनिष्ठ अफसरों की सलाह पर विभाग इस पर विचार कर रहा है कि पौधारोपण सहित ऐसे सभी कार्य आउटसोर्स पर सौंपे जाएं या नहीं। ढाई साल पहले नर्मदा किनारे सात करोड़ पौधे रोपने का रिकॉर्ड बना चुकी राज्य सरकार पौधारोपण सहित वन विभाग के कई कार्य आउटसोर्स से कराने पर विचार कर रही है। इसके लिए अपर प्रधान मुख्य वनसंरक्षक (विकास) पुष्कर सिंह के नेतृत्व में तीन सदस्यीय समिति बनाई गई है। इस समिति ने बैठकें आयोजित कर वन अफसरों की राय ले ली है। जिस पर वनमंत्री उमंग सिंघार अंतिम निर्णय लेंगे। विभाग में ऐसा पहली बार हो रहा है, जब इसके काम बाहरी लोग या एजेंसी करेगी और वन अफसर सिर्फ इन कार्यों की मॉनीटरिंग। इसे गड़बड़ियों से बचने से जोड़कर भी देखा जा रहा है।हालांकि विभाग के वरिष्ठ अफसर इससे सहमत नहीं हैं। ज्ञात हो कि दो जुलाई 2017 को तत्कालीन शिवराज सरकार ने गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए सात करोड़ पौधे एक साथ एक समय में रोपे थे। इस मामले की अब भी जांच चल रही है।
सरकार अब आउटसोर्स से करवाएगी पौधरोपण, बनाई गई तीन सदस्यीय समिति
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