गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने किया ‘सिन्ध डाक जो सिलसिलो’ पुस्तक का विमोचन, बेहद खास है किताब, जाने क्यों

Manisha Kumari Pandey
Published on -

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। सिन्धी प्रतिभाओं और सिन्धी संस्कृति की जानकारी देते पुस्तक ‘सिन्ध डाक जो सिलसिलो’ का विमोचन गृहमंत्री डॉ‍. नरोत्तम मिश्रा (Home Minister Dr. Narottam Mishra) ने शनिवार को किया। इस अवसर पर भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता डॉ. दुर्गेश केसवानी भी विशेष रूप से उपस्थित थे। सिन्धी साहित्यकार अशोक छाबड़िया ने इस पुस्तक को लिखने में 4 दशक की लंबी मेहनत की है। उन्होंने बताया कि बहुत धैर्य और शांति के साथ वे इस पुस्तक को लिखने के लिए कार्य करते रहे। आखिरकार 2022 में यह किताब प्रकाशित होकर आप सबके सामने है।

यह भी पढ़े… Sarkari Naukari: BSF में निकली कांस्टेबल और SI पदों पर भर्ती, 10वीं पास भी कर सकते हैं आवेदन, जाने डीटेल

इस पुस्तक में छाबड़िया ने भगवान झूलेलाल साईं, सिंधी समाज के स्वतंत्रता सेनानियों, धर्मगुरुओं, राजनेताओं, सिंधी संस्कृति, त्योहार, सिंधु घाटी सभ्यता, मोहनजोदड़ो सभ्यता सहित सिंधी समाज की प्रमुख घटनाओं पर आधारित राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय डाक टिकटाें की जानकारी और उससे जुड़े लोगों और घटनाओं की जानकारी दी है। पुस्तक सिंधी देवनागरी भाषा में लिखी गई है। छाबड़िया ने कहा कि उन्होंने लंबी मेहनत के बाद गागर में सागर भरने का प्रयास किया है।

यह भी पढ़े… Whatsapp नए फीचर्स के साथ दे रहा है 105 रु. का कैशबैक, अब ग्रुप में 512 मेम्बर हो पाएंगे Add, जाने कैसे

पुस्तक में साधु वासवानी, हेमू कालानी, जयराम दास दौलत राम आचार्य कृपलानी, दादा लेखराज मल, सिंधु दर्शन, संत कंवरराम, संत शादाराम साहिब, द सिंध हॉर्स, कजूर पत्ता सिंध, दादी जानकी, भारतीय सिंधी फैशन और संत हिरदाराम पर विस्तार से जानकारी दी है। साथ ही उन्होंने पाकिस्तान, फ्रांस, जापान, कोरिया, माली और ओमान में मोहनजोदड़ो पर जारी डाक टिकटों पर भी जानकारी इस पुस्तक में दी है।


About Author
Manisha Kumari Pandey

Manisha Kumari Pandey

पत्रकारिता जनकल्याण का माध्यम है। एक पत्रकार का काम नई जानकारी को उजागर करना और उस जानकारी को एक संदर्भ में रखना है। ताकि उस जानकारी का इस्तेमाल मानव की स्थिति को सुधारने में हो सकें। देश और दुनिया धीरे–धीरे बदल रही है। आधुनिक जनसंपर्क का विस्तार भी हो रहा है। लेकिन एक पत्रकार का किरदार वैसा ही जैसे आजादी के पहले था। समाज के मुद्दों को समाज तक पहुंचाना। स्वयं के लाभ को न देख सेवा को प्राथमिकता देना यही पत्रकारिता है।अच्छी पत्रकारिता बेहतर दुनिया बनाने की क्षमता रखती है। इसलिए भारतीय संविधान में पत्रकारिता को चौथा स्तंभ बताया गया है। हेनरी ल्यूस ने कहा है, " प्रकाशन एक व्यवसाय है, लेकिन पत्रकारिता कभी व्यवसाय नहीं थी और आज भी नहीं है और न ही यह कोई पेशा है।" पत्रकारिता समाजसेवा है और मुझे गर्व है कि "मैं एक पत्रकार हूं।"

Other Latest News