तब्लीग की छह बातों से निकला इंसानियत का सातवां अध्याय

भोपाल। आलमी तब्लीगी इज्तिमा का उद्देश्य लोगों को जोडऩा, दीन के रास्ते का सबक देना और इस नेक रास्ते पर चलते रहकर दुनिया और आखिरत की कामयाबी हासिल करने का होता है। दुनियाभर में होने वाले इस तरह के धार्मिक समागम में किए जाने वाले बयानों का केन्द्र तब्लीग की बातों पर टिका होता है। ईमान, नमाज, इल्म और जिक्र, इख्लास-ए-नीयत, दावत और तब्लीग की बातों से बाहर निकलकर इस साल के इज्तिमे मेंं इंसानियत और भाईचारे का सातवां सबक उभरकर आया है। सभी धर्मों के धार्मिक विद्धानों ने एक मंच आकर आने सभी जमातियों का इस्तकबाल कर अमन, शांति, भाईचारे, साम्प्रदायिक सौहाद्र और एक-दूसरे के साथ जुड़े रहने का नारा बुलंद किया है।

जमीयत उलेमा हिंद की प्रदेश इकाई के सदर हाजी मोहम्मद हारून ने इस कवायद के सिरे को माला में पिरोया है। सर्वधर्म एकता और आपसी भाईचारे की धारणा को लेकर पिछले कई दिनों से काम कर रहे हाजी हारून ने सभी धर्मों के धर्मगुरूओं के साथ देश-दुनिया से आने वाले जमातियों के इस्तकबाल का आयोजन कर एक नई तहरीर लिख डाली। आयोजन इज्तिमा के पहले दिन से ही शुरू हो गया है। जिसमें सभी धर्मगुरू भोपाल टॉकीज चौराहा पर पहुंचकर आने वाले जमातियों का इस्तकबाल कर रहे हैं। 


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