वुमेन्स डे पर हम बात कर रहे हैं भोपाल और प्रदेश की उन महिलाओं के बारे मैं जिन्होंने सबसे पहला महिला पद ग्रहण किया और अपनी उपलब्धियों से अपने नाम का परचम लहराया।
प्रदेश की पहली महिला राज्यपाल: सरला ग्रेवाल
अभूतपूर्व प्रशासनिक क्षमता रखने वाली मध्य प्रदेश की पहली राज्यपाल सरला ग्रेवाल हैं, 1952 में भारतीय प्रशासनिक सेवा करने वाली वह भारत की दूसरी महिला थीं। वह 1985 में प्रधान मंत्री की सचिव नियुक्त हुर्इं और मध्य प्रदेश की राज्यपाल मनोनीत होने तक वह इस पद पर रहीं।
एशिया की पहली पोस्टमास्टर जनरल: सुशीला चौरसिया
भारत की प्रथम महिला पोस्टमास्टर जनरल सुशीला चौरसिया प्रदेश की एक सक्षम महिला अधिकारी के रूप में जानी जाती हैं। सुशीला का चयन 1947 में संघ लोक सेवा आयोग में हुआ, इसके बाद उन्होंने भारतीय डाक में अधीक्षक नौकरी की, फिर बाद में वह पोस्टमास्टर जनरल बनीं।
पहली महिला वास्तुविद्: रेखा शर्मा
प्रदेश की पहली टाउन प्लानर रेखा शर्मा मैनिट में आर्किटेक्ट की पढ़ाई करने वाली पहली छात्रा थीं। इस तरह उन्हें पहली महिला आर्किटेक्ट होने का गौरव प्राप्त हुआ। वह दिसंबर 1969 में प्रदेश की पहली महिला टाउन प्लानर बनीं। फिर वह 1978 में नगर निगम उज्जैन की उपनिदेशक भी रहीं।
उद्यानिकी व्यवसाय से जुड़ी पहली महिला: अरुंधती
वन निधि नर्सरी की संचालक अरुंधती तिवारी के पिता जबलपुर के मूर्धन्य साहित्यकार थे। अरुंधती ने अंग्रेजी साहित्य में एमए की उपाधि भी प्राप्त की है। फिर उन्होंने भोपाल में नर्सरी का एक छोटा सा व्यवासय शुरु किया, फिर इस छोटे से व्यवसाय ने बढ़ा रूप ले लिया इस तरह से उद्यानिकी व्यवसाय से जुड़ी पहली महिला बनीं।
प्रदेश की पहली वन सेवा अधिकारी: गोपा पांडे
मुख्य वनसंक्षक प्लानिंग डॉ. गोपा पांडे प्रदेश की पहली महिला भारतीय वन सेवा अधिकारी हैं। भारतीय वन अधिकारी के रूप में चयन के बाद गोपा 1 मई 1982 से 31 मार्च 1982 तक इंडियन फॉरेस्ट कॉलेज देहरादून में प्रशिक्षण प्राप्त किया। फिर 22 अप्रैल 2010 को उनकी नियुक्ति मुख्य वन अधिकारी प्लानिंग सतपुड़ा में की गई।
पहली महिला कुलपति :निशा दुबे
बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय भोपाल की पूर्व कुलपति निशा दुबे ने 26 अप्रैल 2010 को उन्होने बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय में कुलपति का पद संभाला। वह 1988 व 1999 में लायन्स क्लब इंदौर की पहली महिला अध्यक्ष भी बनी। उन्हें वर्ष 1993-94 में उत्कृष्ट अध्यक्ष के पुरस्कार से भी नवाजा जा चुका है।
पहली महिला ट्रक ड्रायवर: पार्वती आर्य
मंदरौर की रहने वाली गिनीज बुक आॅफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाज दर्ज करवाने वाली महिला पार्वती आर्य एशिया की पहली महिला ट्रक ड्रायवर के रूप में जानी जाती हैं। उनको 1987 में भारत के राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह के द्वारा सम्मानित भी किया जा चुका है। पार्वती ने यह प्रोफेशन अपने हालातों को देखकर अपनाया।
दूरदर्शन की पहली महिला महानिदेशक: अरुणा शर्मा
सामाजिक न्याय, पंचायत एंव ग्रामीण विकास विभाग की प्रमुख सचिव अरुणा शर्मा प्रसार भारती बोर्ड की पहली महिला महानिदेशक रहीं, मध्य प्रदेश कैडर की प्रशासनिक अधिकारी अरुणा शर्मा की 6 पुस्तकें 23 शोध लेख प्रकाशित हो चुके हैं। इसमें यूएनडीपी मॉडल एफएओ द्वारा भी प्रकाशित हो चुके हैं।
दुनिया की पहली पखावज वादिका: चित्रांगना
हिंदुस्तानी वाद्ययंत्र पखावज को बजाने वाली पहली महिला वादिका चित्रांगना आगले रेशवाल इंदौर की सुप्रसिद्ध संगीत घराना नाना पंसे घराना से हैं। उनका यह रिकॉर्ड लिमका बुक आॅफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है, चित्रांगना महाकाल और अभिनव कला सम्मान से नवाजा जा चुका है।
सिहासन पर पहली सन्यासिन: उमा भारती
मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती 2003 में वह प्रदेश की पहली महिला मुख्यमंत्री बनी। उमा भारती एक लेखिका भी हैं, उन्होंने 1972 में स्वामी विवेकानंद 179 में पीस आॅफ माइंड तथा 1983 में मानव एवं भक्ति का नया नाता जैसी पुस्तकें लिखी हैं।
शकीला बानों भोपाल की पहली महिला थियेटर आर्टिस्ट
भोपाल में थियेटर को लेकर अलग अलग तरह की बातें की जाती हैं वहीं दूसरी तरफ कई जानकारों का मनाना है कि भोपाल में थियेटर 1971 के बाद ब.व. कारंत के भोपाल आने के बाद आया, मगर क्या आपको पता है कि थियेटर भोपाल में नवाबी दौर से चला आ रहा है और शकीला बानों भोपाली भोपाल की पहली महिला थियेटर आर्टिस्ट भी हैं। शकीला जिन्होंने भारत के अलावा कई अन्य देशों में भी अपनी कव्वाली की कला को प्रदर्शित किया है। लेखक इकराम हैदाराबदी ने अपनी एक किताब ‘कव्वाली ‘अमीर खुसरो से शकीला बानो तक’ जो उन्होंने 1974-75 में लिखी, जो शकीला बानों भोपाली की आटोबायोग्राफी भी है। उन्होंने शकीला बानों का जिक्र करते हुए इस किताब में दशार्या कि थियेटर नवाबी दौर से भोपाल में होता आ रहा है। शकीला बानों भोपाली ने कव्वाली के अलावा कुछ थियेटर शो भी किए हैं। इकराम ने किताब लिखा है शकीला ने 1955 में 55 में थियेटर में काम किया, जिसमें उन्होंने जय हिंद वेराइटी थियेटर के शो लैला मजनू के अलावा कई अन्य थियेटर्स के साथ शीरीं फरहाद, अनार कली, नागिन, पुतलीबाई, राजकुमारी और सुलताना डाकू जैसे शोज में काम किया।
आबिदा सुल्तान भोपाल और हिंदुस्तान की पहली मुस्लिम पायलेट
आबिदा सुल्तान भोपाल रियासत की राजकुमारी थीं। इनको भोपाल में बड़ी बी के नाम से भी जाना जाता है आबिदा सुल्तान को भारत की पहली महिला पायलट होने का गौरव प्राप्त था। इन्हें 25 जनवरी, 1942 को उड़ान लाइसेंस मिला था। इस बारे में बात करते हुए इतिहासकार श्याम मुंशी ने बताया कि आबिदा सुल्तान भोपाल ही नहीं बल्कि देश की पहली महिला पायलेट भी थीं। आबिदा सुल्तान ने कम उम्र में ही घुड़सवारी, कार चलाना और स्कॉश खेलना सीख लिया था। इस बात का जिक्र आॅक्सफोर्ड यूनिर्वसिटी प्रेस के द्वारा किताब मेमोरी ओफ़ आ रिबिल प्रिंसिस में भी किय गया है।