भोपाल।
मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में इस बार हर प्रत्याशी को 28 लाख रुपए तक खर्च करने की अधिकतम छूट थी। लेकिन प्रदेश की 230 सीटों में से कई हाईप्रोफाइल सीटों पर ऐसी रही है जिनपर लिमिट से ज्यादा खर्च किया गया। अपने वोटरों को रिझाने और लुभाने प्रत्याशियों ने पानी की तरह पैसा बहाया। जिन पर अब आयकर विभाग की नजर है। इनमें मुख्यमंत्री शिवराज समेत उनके मंत्रिमंडल के कई कद्दावर मंत्री भी शामिल है। आय़कर के इस कदम के बाद प्रत्याशियों की मुश्किलें बढ़ सकती है।
दरअसल, प्रदेश की 230 सीटों में से करीब ढाई दर्जन हाईप्रोफाइल सीटें ऐसी भी हैं, जिन्हें आयकर विभाग ने अपने राडार पर रखा है।इन सीटों पर भाजपा, कांग्रेस, बसपा और सपा के अलावा कुछ निर्दलीय प्रत्याशियों भी शामिल है, जिन्होंने संसाधनों का भरपूर उपयोग कर मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित करने का प्रयास किया। इन हाईप्रोफाइल सीटों में मुख्यमंत्री शिवराज सहित उनके मंत्रिमंडल के कद्दावर मंत्रियों के और कुछ अन्य प्रतिष्ठापूर्ण क्षेत्र भी शामिल हैं।जल्द ही विभाग इस संबंध में कार्रवाई करेगा और जांच के बाद प्रत्याशियों से पूछताछ की जाएगी कि आखिर उन्होंने इतना पैसा कहां से जुटाया और कहां कहां खर्च किया।
विभाग इसके लिए प्रत्याशियों के खर्च का ब्योरा, पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट और अपने खुफिया विंग की सूचनाओं का परीक्षण भी करेगा। विभाग अपने खुफिया तंत्र के जरिए यह पता लगाने में जुटा है कि चुनाव में कितनी रकम खर्च की गई।
इन हाईप्रोफाइल सीटों पर विभाग की नजर
खुरई, दमोह, रीवा, इंदौर-1, इंदौर-2, इंदौर-3, देपालपुर, दतिया, सिलवानी, बालाघाट, भोजपुर, रहली, पवई, पन्नाा, विजयराघवगढ़, बुदनी, सिंगरौली, नरसिंहपुर, तेंदुखेड़ा, पाटन, सीहोर, बैतूल, पिछोर, पाटन, सिमरिया, नरेला, सोहागपुर, बंडा, सागर एवं छतरपुर।