भारतीय रेल देश की जीवनरेखा, मध्य प्रदेश में लगभग 77,800 करोड़ रुपए से अधिक की लगभग 32 रेलवे परियोजनाओं का कार्य प्रगति पर

इस बार के बजट में मध्य प्रदेश राज्य को 15,143 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड आवंटन मिला है और 80 स्टेशनों को विश्व स्तरीय रेलवे स्टेशनों के रूप में विकसित करने की योजना बनाई गई है।

RAIL NEWS : भारतीय रेल निरंतर चहुंमुखी विकास के पथ पर अग्रसर है। भारतीय रेल आत्मनिर्भरता और विकसित भारत के संकल्प को सशक्त करते हुए लगातार आधुनिक, तेज, सुरक्षित और समावेशी हो रही है। भारतीय रेल में रेल अधोसंरचनाओं का निरंतर विकास हो रहा है। भारतीय रेलवे, रेलवे के बुनियादी ढांचे के उन्नयन के लिए प्रतिबद्ध है। यह जानकारी मंडल रेल प्रबंधक, भोपाल देवाशीष त्रिपाठी नें मंडल कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में मीडिया प्रतिनिधियों को दी।

देश की जीवनरेखा भारतीय रेल

भारतीय रेल देश की जीवनरेखा है और ‘‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत‘‘ के ध्येय वाक्य को चरितार्थ करते हुए एक महत्वपूर्ण स्तंभ की तरह विकसित भारत के सपने को साकार करने में बहुमूल्य योगदान दे रही है। देश की अर्थव्यवस्था में भारतीय रेल का बहुत बड़ा योगदान है। टिकट बुकिंग से लेकर माल बुकिंग हेतु नई-नई तकनीकों का प्रयोग कर सरल एवं आसान बनाया गया है, जिसके फलस्वरूप भारतीय रेलवे ने माल लदान में अभूतपूर्व वृद्धि दर्ज की है। वर्तमान में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आयात-निर्यात के लिए बड़े पैमाने पर रेलवे का उपयोग किया जा रहा है, जिससे निरंतर आर्थिक विकास हो रहा है। यह जानकारी मंडल रेल प्रबंधक, भोपाल देवाशीष त्रिपाठी नें मंडल कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में मीडिया प्रतिनिधियों को दी।

रेल परियोजनाएं 
डीआरएम नें बताया कि मध्य प्रदेश राज्य में वर्तमान में लगभग 77,800 करोड़ रुपए से अधिक की लगभग 32 रेलवे परियोजनाओं का कार्य प्रगति पर है। इस बार के बजट में मध्य प्रदेश राज्य को 15,143 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड आवंटन मिला है और 80 स्टेशनों को विश्व स्तरीय रेलवे स्टेशनों के रूप में विकसित करने की योजना बनाई गई है।

अमृत भारत स्टेशन‘‘ स्कीम
‘अमृत भारत स्टेशन‘‘ स्कीम के तहत मध्य प्रदेश के 34 स्टेशनों के पुनर्विकास कार्य का शिलान्यास माननीय प्रधानमंत्री जी के कर कमलो द्वारा दिनांक 06.08.2023 को किया गया था। जिसमे भोपाल मंडल के 11 स्टेशनों- इटारसी जंक्शन (29.9 करोड़), गुना (28.5 करोड़), गंजबासौदा (21.3 करोड़), संत हिरदाराम नगर (21.2 करोड़), ब्यावरा राजगढ़ (20.3 करोड़), शिवपुरी (20.1 करोड़), रुठियाई (19.8 करोड़), बानापुरा (19.1 करोड़), विदिशा (18.6 करोड़), नर्मदापुरम (18.4 करोड़), हरदा (18.0 करोड़) सहित कुल 235.2 करोड़ रूपये की लागत से पुनर्विकास कार्य तीव्र गति से चल रहा है|
इसी श्रृंखला को आगे बढ़ाते हुए माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के कर-कमलों द्वारा 26 फरवरी 2024 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से, 550 रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास एवं 1500 रेल फ्लाई ओवरों/अंडर पासों के शिलान्यास/उद्घाटन/राष्ट्र को समर्पण किया जा रहा है। जिसमें भोपाल मंडल के 5 स्टेशन, 4 रोड ओवर ब्रिज एवं 2 अंडरपास शामिल हैं।

भोपाल मंडल में कुल 292.19 करोड़ रुपये की लागत से विकास/उन्नयन/निर्माण कार्य किये जाने है, जिसमे-
1. भोपाल मंडल के चयनित 5 स्टेशनों (खिरकिया-10.38 करोड़ , सांची-8.59 करोड़, बीना-140.00 करोड़, अशोकनगर-10.6 करोड़, शाजापुर-11.66 करोड़) पर कुल 181.23 करोड़ रुपये की लागत से उन्नयन कार्य किये जाने हैं।
2. मंडल के अंतर्गत 4 आरओबी के निर्माण कार्य के लिए शिलान्यास किया जा रहा है, जिसमें ओबेदुल्लागंज-इटायकला के मध्य लेवल क्रोसिंग गेट (बिशनखेड़ा गेट) नम्बर-241 (37.65 करोड़), सलामतपुर के पास स्थित लेवल क्रोसिंग गेट (बदकपुर-गुलगांव) नम्बर-265 (19.77 करोड़), सोराई यार्ड के पास लेवल क्रोसिंग गेट (सोराई फाटक) नम्बर-273 (22.24 करोड़) एवं कल्हार यार्ड के पास लेवल क्रोसिंग गेट (चिन्नोटा फाटक) नम्बर-297 (18.23 करोड़) के पास आरओबी का निर्माण किया जाना है। भोपाल मंडल के इन आरओबी का निर्माण कुल 97.89 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा।
3. इसके अलावा मण्डल में गंजबासौदा यार्ड स्थित लेवल क्रासिंग गेट (हरदु खेड़ी) नम्बर-289 (9.01 करोड़) एवं घाटीगांव के पास स्थित लेवल क्रासिंग गेट (बसोटा रोड) नम्बर-107 (4.06 करोड़) पर कुल 13.07 करोड़ रुपये की लागत से नवनिर्मित अंडर पास का लोकार्पण किया जा रहा है।
अमृत स्टेशन‘‘ स्कीम के अंतर्गत स्टेशन उन्नयन हेतु किये जाने वाले प्रस्तावित कार्यः
स्टेशन सौन्दर्यीकरण एवं विकास-
• इस योजना के अंतर्गत चयनित स्टेशनों पर स्टेशन भवन का पुनर्निर्माण/सुधार/भवन का विकास,
• स्थानीय कला और संस्कृति के तत्वों के साथ स्टेशन का आंतरिक सौंदर्यीकरण,
• सर्कुलेटिंग एरिया का सौंदर्यीकरण एवं विकास,
• हाई लेवल प्लेटफार्म का प्रावधान,
• स्टेशन पहुंच मार्ग के लिए नई सड़कों, पैदल पथ, साइकिल पथ, स्काईवाक एवं पुल आदि के निर्माण सहित सुगम यातायात की सुविधा,
• 12 मीटर चैड़े फुट ओवर ब्रिज के रूप में रूफ प्लाजा/कॉनकोर्स एरिया का प्रावधान।
• आगमन/प्रस्थान का पृथक्करण, अव्यवस्था मुक्त प्लेटफॉर्म, बेहतर सतह, पूरी तरह से ढके हुए प्लेटफॉर्मों का निर्माण किया जाएगा।
• आग/अन्य घटनाओं के लिए आपातकालीन निकासी सुविधा।
यात्री सुविधायें-
• प्लेटफार्म कवर ओवर शेड की सुविधा का प्रावधान,
• बैठने की उन्नत व्यवस्था के साथ वेटिंग एरिया का विकास,
• स्टेण्डर्ड संकेतकों आदि का प्रावधान किया जाना है,
• पर्याप्त पेयजल व्यवस्था, प्रतीक्षालय, टिकटिंग व्यवस्था एवं शौचालय सुविधा,
• यात्रियों की सुविधा हेतु वेटिंग लाउंज, मनोरंजन क्षेत्र, प्रतीक्षालय, बैठने की जगह, खरीददारी क्षेत्र, रेस्टोरेंट/कैफेटेरिया, सार्वजनिक घोषणा प्रणाली, वाई-फाई, एटीएम, पर्यटक सुविधा काउंटर, चिकित्सा सुविधायें, चार्जिंग प्वाइंट एवं सहायता बूथ की सुविधा का प्रावधान।
• स्टेशनों को आरामदेह बनाने के लिए, पर्याप्त रोशनी, वे फाइंडिंग/साइनबोर्ड, लिफ्ट/एस्कलेटर/ट्रेवलेटर्स की सुविधा।
• दिव्यांगजन के अनुकूल सुविधाओं का प्रावधान।
• सीसीटीवी कैमरों की सुविधा।
रोड ओवर ब्रिज/रोड अंडर ब्रिज के लाभः-
• राजमार्गों और रेलवे पटरियों के बीच लेवल क्रासिंग गेट की आवश्यकता को समाप्त करते हैं, जिससे ट्रेन-वाहन टकराव की संभावना नहीं होती है।
• निरंतर यातायात प्रवाह बना रहता है। वाहन बिना किसी बाधा के रोड ओवर ब्रिज एवं रोड अंडर ब्रिज से रेलवे ट्रैक को आसानी से पार कर सकते हैं।
• ट्रैफिक जाम से निजात मिलती है।
• समपार फाटकों से ट्रेनों के गुजरने का इंतजार नहीं करना पड़ता है, जिसके परिणामस्वरूप सड़क परिवहन में लगने वाले समय की बचत होती है।
• रोड ओवर ब्रिज एवं रोड अंडर ब्रिज के माध्यम से निर्बाध सड़क यातायात गुजरता है, जिससे समपार फाटकों पर होने वाली दुर्घटनाओं की संभावना समाप्त हो जाती है।

यात्रियों के बहुमूल्य समय की भी बचत
स्टेशनों के पुनर्विकास के पश्चात् यात्रियों के आवागमन में सुविधा होगी और साथ ही संबंधित क्षेत्रों के आर्थिक, सामाजिक तथा पर्यटन विकास को बढ़ावा मिलेगा। स्टेशनों के पुनर्विकास से क्षेत्र के यात्रियों को सुगम आवागमन के साथ शिक्षा एवं चिकित्सा सुविधाओं के लाभ के साथ-साथ रोजगार एवं व्यापार के क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा। इसके साथ ही रोड ओवर ब्रिज एवं रोड अंडर ब्रिजों के निर्माण से सड़क एवं रेल यातायात सुगम एवं संरक्षित होगा और सड़क यात्रियों के बहुमूल्य समय की भी बचत होगी।


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Sushma Bhardwaj

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