आपको बता दें कि मध्यप्रदेश के तीन दिवसीय दौरे पर आए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं को संबोधित करते हुए कहा कि “आज मध्यप्रदेश के उन सभी नेताओं के सपनों पर पानी फेर दिया। जो अपने बच्चों या परिवार के लिए टिकट की आश लगाए हुए बैठे थे, उन्होंने साफ तौर पर कहा कि कोई भी निर्वाचन क्षेत्र किसी नेता की जागीर नहीं, जो पिता के टिकट पर पुत्र का उत्तराधिकार नहीं रहेगा।” साथ ही कहा कि चुनाव में हार मंजूर मगर वंशवाद नामंजूर हैं।
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सभा को संबोधित करते हुए नड्डा ने पीएम मोदी की बात को सभी के सामने रखी और स्पष्ट तौर पर कहा कि पिता के बाद बेटे को टिकट देने के वंशवाद पर रोक लगाई जाए। लीडर पुत्रों को साधुवाद लेकिन सभी जान लें कि टिकट तो कार्यकर्ताओं को ही मिलेगा। अगर परिवारवाद को आगे बढ़ाते तो हिमाचल प्रदेश और मप्र की दो सीटों पर चुनाव जीत जाते लेकिन हमने हार स्वीकारी।
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भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि परिवार में पिता के बाद बेटा उसकी जगह ले, इसे रोका जाए। कार्यकर्ता और समाज के लोग इस विषय को उठाते रहते हैं। निकाय चुनाव में भी यह प्रिंसिपल लागू होगा। उपरोक्त के अलावा मध्य प्रदेश के हर जिले में नेताओं के पुत्र विभिन्न प्रकार के चुनावों में टिकट की दावेदारी कर रहे हैं। कुछ तो पिछले चुनाव लड़ भी चुके हैं।