GMC Saraswati Suicide Case : भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज में गायनिक विभाग में तीसरे वर्ष की छात्रा सरस्वती के द्वारा जीवन लीला समाप्त करने का मामला गरमा गया है। सरस्वती के परिजनों ने इस मामले में विभाग प्रमुख डा. अरुणा कुमार सहित 5 प्रोफेसर डाक्टरों को दोषी ठहराया है। वहीं अब जूनियर छात्र-छात्राएं भी आंदोलन की राह पर हैं और उनके समर्थन में मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन ने भी पत्र लिखकर निष्पक्ष जांच की मांग की है।
मैसेज से खुलीं प्रताड़ना की परतें
सोमवार की सुबह कोहेफिजा के फ्लैट में अपनी जीवन लीला समाप्त करने वाली सरस्वती और उसके अजन्मे बच्चे की असमय रुखसती ने गांधी मेडिकल कॉलेज के साथ-साथ पूरे प्रदेश में खलबली मचा दी है।शायद यह पहला ऐसा मामला है जब मृतका का अपने मित्र को किया गया व्हाट्सएप मैसेज भी यह साफ कर रहा हो कि गांधी मेडिकल कॉलेज के जहरीले माहौल में वह कुछ ज्यादा नहीं रह पाएगी और इसलिए उसके पास सुसाइड के अलावा कोई रास्ता नहीं। परिजन भी चीख चीख कर कह रहे हो कि गायनिक विभाग की प्रमुख अरुणा कुमार सहित 5 प्रोफेसर डाक्टर उनकी बेटी की मौत के जिम्मेदार हैं। उसके बाद भी पुलिस जांच की बात कहकर मामले में अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर पाई है।
जूनियर डॉक्टर के आरोप, ज़िम्मेदार अब भी मौन
जूनियर छात्रों ने भी अपनी अपनी प्रतिक्रिया एक डिब्बे में रख कर दे दी है और कॉलेज प्रबंधन के ऊपर प्रताड़ना के संगीन आरोप लगाए हैं।बावजूद इसके जिम्मेदारों के मुंह सिले हुए हैं और कोई कुछ कहने को तैयार नहीं। ऐसे में अब भोपाल जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन ने मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन को पत्र लिखा है और उनसे उनका सहयोग मांगा है। पत्र में लिखा गया है कि सरस्वती सुसाइड मामले में साफ तौर पर प्रताड़ना की बात सामने आई है और भविष्य में कॉलेज में कोई ऐसी घटना ना हो, इसके लिए जूड़ा हड़ताल कर रहा है और हम आपका समर्थन और सहयोग चाहते हैं।
जूनियर डाक्टरों के समर्थन में आया MTA, की मजिस्ट्रियल जांच की मांग
अब इस पत्र के जवाब में मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन ने भी जूड़ा को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में लिखा गया है कि सरस्वती की मौत का मामला बेहद पीङादायक है और समस्त चिकित्सक समुदाय इससे बेहद व्यथित है। सरस्वती की मौत का मामला मजिस्ट्रियल जांच का विषय है। पत्र में लिखा गया है कि जूनियर डॉक्टरों की मांग और सरस्वती के परिजनों के बयान के आधार पर हम भी इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच चाहते हैं और इस मामले में जो भी दोषी हो, उस पर कार्यवाही भी चाहते हैं। और इस पूरे मामले में हम आपके साथ हैं। जूड़ा और मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन के द्वारा इस पूरे मामले में अब खुलकर सामने आने से यह लगने लगा है कि सरस्वती सुसाइड मामले के ऐसे अनसुलझे पहलु सामने आएंगे जो पूरे मामले में निष्पक्ष न्याय जरूर दे पाएंगे। उम्मीद बस इतनी है कि अब कोई सरस्वती ऐसा कदम उठाने को मजबूर ना हो और गांधी मेडिकल कॉलेज के नाम पर अब कोई कलंक ना लगे।