CAA: कैलाश विजयवर्गीय ने मोदी-शाह को दिया धन्यवाद, बोले- संरक्षण हमारी जवाबदारी, प्रह्लाद पटेल ने कहा- शरणार्थियों का सम्मान है घुसपैठियों का नहीं

कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि ऐसे प्रताड़ित हिन्दू पाकिस्तान से भारत आना चाहते हैं, उन्होंने कहा कि जो अपने धर्म की रक्षा के लिए वापस अपने देश में आना चाहते हैं हमें उनका संरक्षण करना चाहिए, पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह जी को मैं धन्यवाद देता हूँ कि उन्होंने जो वादा किया उसे उन्होंने पूरा भी किया है।

Citizenship Amendment Act (CAA) : मोदी सरकार ने सोमवार को सीएए लागू करने के लिए अधिसूचना जारी कर दी, अधिसूचना जारी होते ही नेताओं के रिएक्शन आने शुरू हो गए, विपक्ष ने हालाँकि इसे गैर संवैधानिक और गैर जरूरी बताते हुए इसका विरोध शुरू कर दिया है लेकिन भाजपा नेताओं ने इसका स्वागत किया है और बताया कि ये क्यों और किसके लिए जरूरी है?

मध्य प्रदेश भाजपा के वरिष्ठ नेता, कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि जो हिन्दू समाज के लोग जो विदेश में प्रताड़ित हो रहे हैं उनके लिए हमारे देश के अलावा अन्य कोई जगह नहीं है इसलिए उन्हें सरंक्षण देना हमारी जवाबदारी है, उन्होंने कहा कि जिस तरह से पाकिस्तान में हिन्दू प्रताड़ित है उनकी बेटियों पर अत्याचार हो रहा है, बंटवारे के समय 30 प्रतिशत हिन्दू पाकिस्तान में थे जो अब मात्र 2-3 प्रतिशत बचे हैं।

CAA लागू करने के लिए कैलाश विजयवर्गीय ने मोदी-शाह को दिया धन्यवाद  

कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि ऐसे प्रताड़ित हिन्दू पाकिस्तान से भारत आना चाहते हैं, उन्होंने कहा कि जो अपने धर्म की रक्षा के लिए वापस अपने देश में आना चाहते हैं हमें उनका संरक्षण करना चाहिए, पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह जी को मैं धन्यवाद देता हूँ कि उन्होंने जो वादा किया उसे उन्होंने पूरा भी किया है।

मंत्री प्रह्लाद पटेल ने कहा – CAA कहता है शरणार्थियों का सम्मान है , घुसपैठियों का नहीं

वरिष्ठ नेता और कैबिनेट मंत्री प्रहलाद पटेल ने CAA की विशेषता बताते हुए कहा कि ये कानून किसी की नागरिकता छीनने का नहीं नागरिकता देने का कानून है, उन्होंने कहा कि किसी भी देश में दो परिस्थितियां होती है एक शरणार्थी आते हैं और एक घुसपैठिये आते है, इस कानून से साबित है कि शरणार्थियों का सम्मान है , घुसपैठियों का नहीं।


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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