भोपाल।
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में आज कमलनाथ कैबिनेट की अहम बैठक हुई। जिसमें कई अहम प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। बैठक में आज नई शराब नीति को भी मंजूरी मिलने की उम्मीद थी, लेकिन मंत्रियों की नाराजगी के चलते कोई फैसला नही हो पाया।इस दौरान कई मंत्रियों ने विरोध किया तो कईयों ने समर्थन।अब मंत्रियों से गहन विचार-विमर्श करने के बाद यह प्रस्ताव अगली कैबिनेट में रखा जाएगा।
दरअसल, आज कैबिनेट बैठक मे नई शराब नीति पर फैसला होना था। कुछ मंत्रियों ने बैठक में नई शराब दुकानें खोलने के मुद्दे पर विरोध जताया तो कुछ ने समर्थन किया। वाणिज्यिक कर मंत्री बृजेंद्र सिंह राठौर ने कहा कि नई दुकानें खोले जाने की बात नहीं है। ये उपदुकानें हैं जो मौजूदा नीति में भी है और जरूरी नहीं है कि लाइसेंसी उपदुकानें खोल ही ले। डॉ. गोविंद सिंह, प्रदीप जायसवाल और तरुण भनोत ने भी इसका पक्ष लिया। उनका कहना था कि रजिस्टर्ड दुकान होगी तो राजस्व बढ़ेगा और अवैध गतिविधि भी नहीं होगी।
वही खाद्य, नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर का कहना था कि नई दुकानें खोलने से सरकार की बदनामी होगी। इसका ठीकरा आगे चलकर अपने सिर ही फूटेगा। कुछ और मंत्रियों ने विरोध में अपनी बात रखी। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी इससे सहमति जताई और कहा कि थोड़े से राजस्व के लिए हमें नई दुकानें नहीं खोलना है। राजस्व थोड़ा बढ़ेगा पर इससे फर्क नहीं पड़ता है।
वहीं, शराब के ठेके जिलेवार या क्लस्टर में देने को लेकर भी लंबी चर्चा हुई।अंतत: आबकारी नीति को लेकर किसी प्रकार का फैसला नहीं हो सका। इसमें तय किया गया कि इस पर मंत्रियों से गहन विचार-विमर्श करने के बाद प्रस्ताव रखा जाएगा। कैबिनेट ने सैद्धांतिक रूप से आबकारी नीति को तो मंजूरी दे दी है लेकिन नीति के संबंध में जो सुझाव और शिकायतें बैठक के दौरान मिली हैं। उन पर विचार विमर्श और निराकरण के बाद स्वरुप तय किया जाएगा।