भोपाल।
प्रदेश की कमलनाथ सरकार नए साल में वनवासियों को बड़ी सौगात देने जा रही है।खबर है कि सरकार ने वनवासियों की आजीविका को सुरक्षित आर्थिक आधार प्रदान करने के लिये बिगड़े बाँस वनों के सुधार एवं संरक्षण की योजना तैयार की है।योजना से शुरू के 4 सालों में लगभग डेढ़ हजार वनवासी परिवार लाभान्वित होंगे।इसकी जानकारी खुद अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक, संयुक्त वन प्रबंधन चितरंजन त्यागी ने दी है।
इस पर लगभग 1365 करोड़ खर्च किये जाएंगे। जिसके तहत वन और ग्रामीण विकास विभाग समन्वित रूप से महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत प्रदेश में 2 लाख 50 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में बिगड़े बाँस क्षेत्र का सुधार और संरक्षण करेंगे। त्यागी ने बताया कि इस योजना से वनवासियों को स्थाई आजीविका का साधन मिलेगा। साथ ही, वन संरक्षण भी होगा। योजना में पाँचवें वर्ष से बाँस का विदोहन किया जाएगा। विदोहन से प्राप्त बाँस संयुक्त वन समिति के हितग्राहियों को दिया जाएगा। इसी प्रकार पूर्व से बाँस वनों से आच्छादित रहे क्षेत्रों के 50 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में भी बाँस रोपण किया जाएगा। बाँस रोपण के आठवें वर्ष में बाँस विदोहन से प्राप्त बाँस संयुक्त वन समिति के हितग्राहियों को दिया जाएगा।
बता दे कि वर्तमान में प्रदेश में 94 हजार 689 वर्ग किलोमीटर वन क्षेत्र है, जो प्रदेश का 30.72 प्रतिशत भू-भाग है। वन प्रबंधन में भागीदारी सुनिश्चित करने के लिये प्रदेश में 15 हजार 608 संयुक्त वन प्रबंधन समितियाँ गठित हैं। प्रदेश के 66 हजार 874 वर्ग किलोमीटर वन क्षेत्र का प्रबंधन करने में स्थानीय समुदायों की महत्वपूर्ण भूमिका है। समुदायों की भागीदारी से वनों की अवैध कटाई, चराई और अग्नि सुरक्षा पर कारगर नियंत्रण संभव हो सका है।