भोपाल।
15 साल का वनवास खत्म करने के बाद कांग्रेस की सरकार बनने जा रही है और सोमवार को वरिष्ठ कांग्रेस नेता कमलनाथ मुख्यमंंत्री की शपथ लेने वाले है। ऐसे में अब उन्हें विधानसभा का सदस्य बनना होगा, जिसके लिए उपचुनाव लड़ना होगा। खबर है कि कमलनाथ अपने गृह जिले छिंदवाड़ा के ही किसी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगें ।हालांकि छिंदवाड़ा जिले में वह कौन सी सीट होगी, फिलहाल उन्होंने इसका खुलासा नहीं किया है।
दरअसल, नियमों के अनुसार कमलनाथ को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के छह महीने के अंदर मध्यप्रदेश विधानसभा में विधायक बनना जरूरी है। इसके लिए उन्हे किसी सीट से चुनाव लड़ना होगा। कयास लगाए जा रहे है कि छिंदवाडा से नौ बार लोकसभा सांसद रहे कमलनाथ यही से किसी सीट से विधानसभा चुनाव लड़ सकते है। हालांकि शनिवार को कमलनाथ से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान में छिंदवाड़ा क्षेत्र में केवल डेढ़ दिन ही प्रचार करने जा सका। हम सब सीटें जीते हैं। छिंदवाड़ा जिले में सात सीटें हैं उनमें से केवल तीन अनारक्षित हैं। मैंने उनसे (पार्टी कार्यकर्ताओं) कहा था, जहां सबसे ज्यादा वोटों से जीतेंगे, वहां से मैं लड़ूंगा। बताते चले कि छिंदवाड़ा जिले में कांग्रेस सौंसर विधानसभा सीट से सबसे अधिक 20,742 मतों के अंतर से जीती है और सौंसर विधानसभा क्षेत्र में ही कमलनाथ का निवास है और वह इसी विधानसभा क्षेत्र के मतदाता भी हैं। इसी सीट से कांग्रेस के विजय रेवनाथ ने बीजेपी प्रत्याशी को 8400 से ज्यादा वोटों से हराया है, ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है सौसर से कमलनाथ चुनाव लड़ सकते है।
बता दे कि छिंदवाड़ा जिले में विधानसभा की सात सीटें हैं। इनमें से चार सीटें- अमरवाड़ा (एसटी), परासिया (एससी) , जुन्नारदेव (एससी) और पान्दुर्ना (एसटी) आरक्षित वर्ग के लिए है। कमलनाथ सामान्य वर्ग से ताल्लुक रखते हैं इसलिए वह जिले में तीन बची सामान्य सीटों छिंदवाड़ा, सौंसर और चोराई से ही उपचुनाव में प्रत्याशी बन सकते हैं। इस दफा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने छिंदवाड़ा जिले की सभी सात सीटों पर विजय हासिल की है।
एक नजर में जाने कौन है कमलनाथ
18 नवंबर 1946 को कमल नाथ का जन्म उत्तर प्रदेश के कानपुर में हुआ।72 वर्षीय कमल नाथ ने देहरादून के मशहूर दून स्कूल में स्कूली शिक्षा हासिल की। इसके बाद कोलकाता के सेंट जेवियर कॉलेज से बीकॉम की डिग्री ली।
इकोनॉमिक्स के छात्र रहे कमलनाथ की पहचान एक बड़े बिजनेसमैन की भी है। कमलनाथ की सियासत मध्य प्रदेश से शुरू होती है। यहां कि छिंदवाड़ा सीट से कमल नाथ अब तक 9 लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं।
कमल नाथ ने 1980 में पहली बार लोकसभा चुनाव जीता और और 1991 में पहली बार केंद्र में मंत्री बने। इसके बाद 1995-96 में कपड़ा मंत्रालय संभाला। कमल नाथ कांग्रेस महासचिव भी रहे। 2004 में UPA की पहली सरकार में कॉमर्स और इंडस्ट्री मिनिस्ट्री की अहम जिम्मेदारी संभाली।
UPA 2 में कमल नाथ सड़क परिवहन मंत्री बने। हालांकि, 2011 में उन्हें अर्बन डेवलपमेंट मिनिस्ट्री दी गई। इसके साथ ही 2012 में उन्हें संसदीय कार्यमंत्री की अतिरिक्त जिम्मेदारी भी मनमोहन सिंह ने सौंप दी।
छिंदवाड़ा के लोगों के सामने कमलनाथ का परिचय कराते हुए इंदिरा गांधी ने कहा था- ‘ये मेरे तीसरे बेटे हैं, इन्हें वोट दीजिएगा’। कॉमर्स और बिजनेस सेक्टर की समझ को विरोधी भी सम्मान करते हैं। हालांकि, एक प्लस प्वॉइंट उनका गांधी परिवार के करीबी होना भी है। वो संजय गांधी के करीबी दोस्तों में से एक रहे हैं।
कमलनाथ गांधी परिवार की तीन पीढ़ियों के करीबी रहे हैं। छिंदवाड़ा के लोगों के सामने कमलनाथ का परिचय कराते हुए इंदिरा गांधी ने कहा था- ‘ये मेरे तीसरे बेटे हैं, इन्हें वोट दीजिएगा।
बाद में ‘इंदिरा के दो हाथ, संजय गांधी और कमलनाथ’ का नारा भी खूब गूंजा। कमलनाथ न ही सिर्फ संजय गांधी के करीबी दोस्त रहे बल्कि राजीव गांधी के भी भरोसेमंद सिपाही भी रहे।