भोपाल।राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संचालक मोहन भागवत के द्वारा कही गई यह बात कि 2021 की जनगणना में एक अभियान चलाकर आदिवासियों को इस बात के लिए प्रेरित किया जाएगा के लिए खुद को हिंदू कहें, मुख्यमंत्री कमलनाथ ने गहरी आपत्ति जताई है। कमलनाथ का कहना है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का यह अभियान आदिवासी भाइयों को उनकी अनादि काल की मान्यताओं के खिलाफ अपनी धार्मिक पहचान बताने के लिए बाध्य करेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश के मे देश के सर्वाधिक आदिवासी भाई निवास करते हैं और प्रदेश के मुखिया होने के नाते वे आरएसएस को इस बात की कतई अनुमति नहीं देंगे कि भोले वाले आदिवासियों को उनकी इच्छा के विरुद्ध अपनी धार्मिक संबद्धता दर्शाने के लिए मजबूर किया जाए। कमलनाथ ने आगे कहा है कि जब आरएसएस देश में एनआरसी लागू करवाने में असफल हो रहा है तो अपने खतरनाक मंसूबों को दूसरे रास्ते से लागू करना चाहता है। आरएसएस का यह एक और विभाजन कारी मंतव्य है जो देश के सामने आया है। कमलनाथ ने कहा कि आरएसएस शुरू से आदिवासियों के मूल अस्तित्व पहचान को नकारते हुए नियोजित रूप से अपने साहित्य में उन्हें वनवासी कहता रहा है और भी किसी भी सूरत में शांति प्रिय आदिवासी भाइयों के जीवन में जहर घोलने की अनुमति आरएसएस को नहीं देंगे।आरएसएस यदि किसी अभियान को आकार देगा तो उसके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई भी की जाएगी।
कमलनाथ ने दी RSS के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की चेतावनी
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