एमपी में ‘शराबबंदी’ पर कमलनाथ सरकार की ‘ना’

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भोपाल। कमलनाथ सरकार ने पूर्ण शराबबंदी से अभी इंकार कर दिया है। सरकार का मानना है कि फिलहाल प्रदेश में शराबबंदी संभव नहीं है। पहले इस संबंध में लोगों की राय ली जाएगी और इसके बाद ही नई आबकारी नीति बनाई जाएगी। विपक्ष में रहकर कांग्रेस कई बार इस मुद्दे को लेकर शिवराज सरकार को घेरती रही थी और अब खुद ही इससे किनारा करती नजर आ रही है।

        दरअसल, बुधवार को वाणिज्य मंत्री बृजेंद्र सिंह राठौर इंदौर संभाग में विविध कारोबार संगठनों के साथ बैठक लेने पहुंचे थे। जहां उन्होंने कहा कि नोटबंदी और जीएसटी जैसे केंद्र सरकार के फैसला का ही नतीजा है कि तीन राज्यों में भाजपा सरकार चली गई। जीएसटी के कारण हमें अपराधियों जैसा देखा जाता है और ऐसा लगता है गला दबाकर राजस्व वसूला जा रहा है। वहीं उन्होंने शराबबंदी को लेकर कहा कि फिलहाल मप्र में शराब बंदी का कोई विचार नहीं है। लोगों की राय के बाद ही नई आबकारी नीति बनाई जाएगी। एमपी का खजाना खाली है सरकार पर दो लाख करोड़ का कर्ज है उस खजाने को भरना और वचनपत्र की घोषणाओं को पूरा करना सरकार की प्राथमिकता है। इसके बाद शराबबंदी पर विचार किया जाएगा।

सूत्रों के मुताबिक सरकार नहीं शराबबंदी कर फिलहाल राजस्व पर ब्रेक नहीं लगाना चाहती। चुंकी हर साल शराब से प्रदेश को करोड़ों की कमाई होती है। जो कि राजस्व को भरने का एक बड़ा जरिया होता है। अगर सरकार शराबबंदी करती है तो राजस्व में कमी आएगी और सरकार पर भार बढ़ता जाएगा और विकासकार्यों को बीच में ही रोकना पड़ेगा। जबकी सरकार का फोकस लोकसभा चुनाव पर है। सरकार चाहती है कि चुनाव से पहले वो ज्यादा से ज्यादा वादे पूरा कर जनता के बीच जाए।

गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव के पहले पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा की थी प्रदेश में चरणबद्ध तरीके से शराब की सभी दुकानें बंद कर प्रदेश में शराबबंदी लागू की जाएगी।  मध्यप्रदेश में नशामुक्ति का आंदोलन चलाया जाएगा, लेकिन ऐसा ना हो सका, इसके पहले ही भाजपा की  सरकार चली गई और प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी ना कर सकी।हालांकि कई दुकानों को जरुर हटाया गया । शराबबंदी को लेकर विपक्ष में रही कांग्रेस ने भी जमकर सरकार का घेराव किया था।कांग्रेस द्वारा सड़क से लेकर सदन तक सरकार की घेराबंदी की गई थी और इसपर रोक लगाने की मांग की गई थी।अब चुंकी प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि क्या लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस शराबबंदी को लेकर कोई फैसला लेगी या नही।


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