शिवराज सरकार ने आचार संहिता के दौरान दिए थे 1600 करोड़ के टेंडर, CM ने दिए जांच के आदेश

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भोपाल।

बिजली-पानी और कर्जमाफी पर कांग्रेस की घेराबंदी कर रही बीजेपी पर अब कमलनाथ सरकार ने शिकंजा कसना शुरु कर दिया।सरकार ने 150  योजनाओं को बंद करने की तैयारी के बाद अब ई टेंडरिंग घोटाला मामले में जांच के आदेश दिए हैं।सरकार का आरोप है कि पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने आचार संहिता के दौरान ये आदेश जारी किए थे।खबर है कि कमलनाथ सरकार इस मामले में निर्वाचन आयोग को पत्र लिखने की भी तैयारी कर रही है।जल्द ही सरकार द्वारा ई टेंडरिंग घोटाला की पूरी जानकारी पत्र लिख कर चुनाव आयोग को दी जाएगी ।वही इस मामले में अभी तक बीजेपी ने कोई प्रतिक्रिया नही दी है।

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दरअसल, गुरुवार को मुख्यमंत्री कमलनाथ ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी और जल निगम के तहत पेयजल व्यवस्था की समीक्षा की थी। इसमें कमलनाथ को जब पता चला कि विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के दूसरे दिन ही 1600 करोड़ के ग्लोबल टेंडर मंजूर किए गए हैं। इसमें जबलपुर में 650 करोड़ रुपए की पाइली योजना, दमोह में 450 करोड़ रुपए ब्यारमा परियोजना शामिल थी। इसे लेकर ही सीएम ने अधिकारियों से सवाल-���वाब किए और कहा कि ऐसी क्या हड़बड़ी थी कि सरकार बनने से पहले ही टेंडर जारी कर दिए, जबकी उस समय आचार संहिता लगी हुई थी।इस पर अधिकारियों से उन्हें बताया कि टेंडरों में प्रक्रिया का पालन किया गया है। जो टेंडर किए गए, वे विदेशी सहायता प्राप्त कार्यों के हैं। इसमें कोई परेशानी नहीं है। सीएम अधिकारियों की सफाई से पूरी तरह संतुष्ट नहीं हुए और स्थिति साफ होने तक इनके भुगतान पर रोक लगाने की बात कही।

वही कमलनाथ सरकार इस मामले में निर्वाचन आयोग को पत्र लिखने की भी तैयारी कर रही है। सीएम ने अधिकारियों से निर्वाचन आयोग को भी पत्र लिखकर पूछने को कहा है कि क्या ये आचार संहिता के उल्लंघन में आता है या नहीं। कमलनाथ ने कहा कि इन टेंडरों की स्कू्रटनी की जाए। कौन से टेंडर क्यों हुए देखा जाए। कहीं जरुरत लगती है, तो उसकी जांच की जाए। 


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