भोपाल।
सत्ता में आते ही कमलनाथ सरकार एक के बाद एक शिवराज सरकार में हुए घोटालों को उजागर करने में जुटी हुई है। अब कमलनाथ सरकार के मंत्री ने खुलासा किया है कि पिछली सरकार में लेपटॉप वितरण में बड़ा घोटाला हुआ है।मंत्री का कहना है कि 6दिन के अंदर 20 करोड़ के लैपटॉप खरीदकर बांटे गए, लेकिन इसका सत्यापन नहीं हुआ। लैपटॉप मिलने की कोई रिपोर्ट भी जमा नहीं की गई। इस संबंध में सरकार ने एसटीएफ को जांच के आदेश दे दिए है।इस मामले में ग्वालियर-एजी ने भी आपत्ति लगाई है। आशंका है कि जन अभियान परिषद से जुड़े लोगों ने भ्रष्टाचार किया है। माना जा रहा है कि इस घोटाले में कई अफसर और पूर्व मंत्री फंस सकते है।
दरअसल, पिछली सरकार में श्रम विभाग की ओर से 27 करोड़ रुपए का बजट जन अभियान परिषद को बच्चों को लैपटॉप व अन्य सामग्री खरीदने के लिए दिया गया था, लेकिन यह राशि आवंटन के छह दिन में ही बांटना और लैपटॉप देना बताया गया। इसकी फाइल जब कमलनाथ मंत्रिमंडल में श्रम मंत्री महेंद्र सिंह सिसौदिया ने देखी तो वे हैरान रह गए।मंत्री ने पाया कि संबल योजना के पैसे का दुरुपयोग किया गया।पिछली सरकार ने 27 में से 20 करोड 6 दिन में ही खर्च कर दिए, जबकी इसकी ना तो कोई रसीद ली और ना ही किसी प्रकार का सत्यापन।हैरानी की बात तो ये है कि लैपटॉप मिलने की कोई रिपोर्ट भी जमा नहीं की गई।
मंत्री का आरोप है कि शिव ‘राज ‘ में लेपटॉप वितरण में बड़ा घोटाला हुआ है।उन्होंने बताया है कि मुख्यमंत्री को इस मामले से अवगत कराने के बाद एसटीएफ को जांच के आदेश दिए गए है।मंत्री ने साफ कहा है कि जांच में पाए जाने वाले दोषी को बिलकुल नही बख्शा जाएगा फिर वो चाहिए अधिकारी हो या पूर्व मंत्री। किसी को भी नहीं बख्शा जाएगा।इस मामले में ग्वालियर-एजी ने भी आपत्ति लगाई है। आशंका है कि जन अभियान परिषद से जुड़े लोगों ने भ्रष्टाचार किया है।माना जा रहा है कि अगर ये घोटाला उजागर होता है तो इसमें पूर्व मंत्री और कई अफसरों बुरी तरह से फंस सकते है।वही लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस का यूं भाजपा के घोटाले उजागर करना भी भारी पड़ सकता है।