डिप्टी CM को लिखा पत्र-नर्सिंग कालेज घोटाले में बिना वजह मेडिकल टीचर्स को न बनाया जाए बलि का बकरा

एसोसिएशन चाहती है कि निष्पक्ष कार्रवाई की जाए, बिना वजह किसी को भी परेशान या कार्रवाई के दायरे में न लाया जाए।

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BHOPAL NEWS : प्रोग्रेसिव मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन ने उपमुख्यमंत्री को पत्र लिखा है, पत्र में उन्होंने लिखा है कि वह प्रदेश के नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता अनियमितताओं की उच्च स्तरीय जाँच का समर्थन करते है और इसमें जो वास्तविक दोषी है उनपर कार्रवाई की मांग करते हैं। प्रदेश के नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता अनियमितताओं की उच्च स्तरीय जाँच प्रचलन में हैं। प्रोग्रेसिव मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन ने पत्र में लिखा है कि  नर्सिंग मान्यता के निरीक्षण दल में सम्मिलित चिकित्सा शिक्षकों को उनके कार्य क्षेत्र के बाहर जाकर बलि का बकरा बनाकर विभागीय जाँच में निलंबित करने की जानकारी प्राप्त हुई है। एसोसिएशन चाहती है कि निष्पक्ष कार्रवाई की जाए, बिना वजह किसी को भी परेशान या कार्रवाई के दायरे में न लाया जाए।

प्रोग्रेसिव मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन की मांग 
प्रोग्रेसिव मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन को निरीक्षण दल में सम्मिलित चिकित्सा शिक्षकों द्वारा ज्ञापन प्रस्तुत कर तथ्यों के संबंध में अवगत कराया गया है, उन्होंने कहा कि नर्सिंग मान्यता निरीक्षण दल के सदस्य के रूप में सम्मिलित चिकित्सा शिक्षकों का कार्य क्षेत्र चिकित्सकीय कार्य के आकलन तक सीमित है। नर्सिंग संस्थाओं के भौतिक निरीक्षण में भवन एवं अधोसंरचना के आकलन हेतु जिला कलेक्टर के नामांकित प्रतिनिधि को भूमि एवं भवन संबंधी दस्तावेजों की जांच की जानी थी। जिला कलेक्टर प्रतिनिधि द्वारा नर्सिंग संस्थाओं के भवन एवं अधोसंरचना के संबंध में त्रुटिपूर्ण रिपोर्ट देने का दोष निरीक्षण दल में चिकित्सा शिक्षकों पर नही थोपा जाना चाहिए। निरीक्षण दल में सम्मिलित चिकित्सा शिक्षकों द्वारा मान्यता संबंधी रिपॉर्ट तत्समय उपलब्ध कराई गई जानकारी एवं स्थिति के अनुसार प्रदान की गई थी। निरीक्षण के एक वर्ष से अधिक समय बीत जाने के बाद संबंधित नर्सिंग संस्था संचालक द्वारा कोई गड़बड़ी की गई हैं तो उसका दोषी चिकित्सा शिक्षकों को नही ठहराया जाना चाहिए। नर्सिंग फैकल्टी की डुप्लीकेसी के संबंध में यह अवगत होना आवश्यक है कि किसी नर्सिंग संस्था में निरीक्षण के समय उपस्थित नर्सिंग फैकल्टी अगर प्रदेश के किसी अन्य नर्सिंग संस्था में भी उपस्थित हो रहा है तो इसकी जानकारी निरीक्षण दल के चिकित्सा शिक्षक को होना संभव नहीं है। नर्सिंग फैकल्टी डुप्लीकेसी के लिए नर्सिंग दल में सम्मिलित चिकित्सा शिक्षक जिम्मेदार नही है।

चिकित्सा शिक्षकों को दोषी ठहराया जाना उचित नही

एसोसिएशन ने मांग की है कि निरीक्षण पूर्व चिकित्सा शिक्षकों को नर्सिंग कौंसिल द्वारा कोई प्रशिक्षण प्रदान नही किया गया था। अतः अब निरीक्षण की प्रक्रिया के लिए चिकित्सा शिक्षकों को दोषी ठहराया जाना उचित नही है। निरीक्षण दल के सदस्य के रूप में चिकित्सा शिक्षकों द्वारा नेगेटिव रिपोर्ट देने के बाद नर्सिंग कौंसिल द्वारा मान्यता दे देने के प्रकरणों में चिकित्सा शिक्षकों को दोषी नही ठहराया जाना चाहिए।

की मांग 

प्रोग्रेसिव मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन का यह मत है कि नर्सिंग मान्यता के निरीक्षण दल में सम्मिलित चिकित्सा शिक्षकों को जबरदस्ती उनके कार्य क्षेत्र के बाहर के दायित्व का कार्य कराना और बाद में जिम्मेदार बताकर बलि का बकरा नही बनाया जाना चाहिए। नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता ,अनियमितताओं की उच्च स्तरीय जाँच उपरोक्त तथ्यों को दृष्टिगत रखने के उपरांत ही अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाना चाहिए।वर्षों से नर्सिंग कॉलेजों में हो रही अनियमितता को पूरी तरह से खत्म करना है और नर्सिंग कॉलेजों के बेहतर भविष्य का निर्माण करना है तो सबसे पहले उस दौरान उच्च पदों पर बैठे विभागीय प्रशासनिक अधिकारियों की ज़िम्मेदारी और स्पष्ट जवाबदेही तय होना चाहिए एवं उनकी भूमिका की भी जाँच की जाना चाहिए “”केवल माननीय उच्च न्यायालय को दिखाने के लिए एवं मीडिया को शांत करने के लिए ये कार्यवाही ना हो””पुनः प्रोग्रेसिव मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन यह स्पष्ट करना चाहता है कि प्रदेश के नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता अनियमितताओं की उच्च स्तरीय निष्पक्ष जाँच में जो भी वास्तविक दोषी है उनपर कार्रवाई की जाना चाहिए।

 

 


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Sushma Bhardwaj

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