भोपाल।
लोकसभा चुनाव का बिगुल बजते ही राजनीति दलों ने अपनी तैयारियां तेज कर दी है। प्रदेश में किसानों की कर्जमाफी का वादा कर सत्ता में आई कांग्रेस के लिए अब यही गले की फांस बन गया है। आचार संहिता के कारण कर्जमाफी की प्रक्रिया रुक गई है और बीजेपी इसे मुद्दा बनाकर सरकार को घेरने में जुट गई है। पूर्व विधायक और बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष जीतू जिराती ने कर्जमाफी पर सवाल उठाते हुए कहा है कि लोकसभा चुनाव के बाद मध्य प्रदेश में भाजपा का मुख्यमंत्री होगा। जीतू के इस बयान के बाद कांग्रेस में हडकंप की स्थिति है, वही राजनैतिक गलियाओं में हलचल तेज हो गई है।
दरअसल, विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने ऐलान किया था कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी तो दस दिन के अंदर किसानों का दो लाख का कर्जा माफ किया जाएगा, नही तो मुख्यमंत्री बदल देंगें। राहुल के बयान का प्रदेश में जबरदस्त असर हुआ और कांग्रेस सत्ता में लौटी| सीएम के तौर पर शपथ ग्रहण करते ही कमलनाथ ने कर्जमाफी की फाइल पर साइन किया और प्रक्रिया शुरु कर दी। किसानों से फॉर्म भरवाए गए और कर्जमाफी की बात कही गई। लेकिन ढाई माह में भी सरकार किसानों का कर्ज माफ़ नहीं कर पाई। अब आचार संहिता लगने के कारण किसानों की कर्जमाफी की प्रक्रिया अटक गई है। सरकार ने किसानों को मैसेज भेजकर अब लोकसभा चुनाव के बाद कर्जमाफी करने की बात कही है, इसको लेकर भाजपा ने सरकार की घेराबंदी शुरू कर दी है।
भाजपा के पूर्व विधायक और पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष जीतू जिराती ने कर्जमाफी पर सवाल उठाते हुए कहा है कि लोकसभा चुनाव के बाद मध्य प्रदेश में भाजपा का मुख्यमंत्री होगा| जिराती ने ट्वीट कर लिखा है कि “चलो किसान भाइयों करो म.प्र. का मुख्यमंत्री बदलने की तैयारी क्योकि 2 लाख का कर्जा तो माफ़ हुआ नही है। लोकसभा बाद भाजपा का मुख्यमंत्री म.प्र. में होगा” । यह पहला मौका नही है इसके पहले भी बीजेपी नेता इस तरह का दावा कर चुके है। बीते दिनों ही बीजेपी के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा था कि बॉस का आदेश हो जाए तो सात दिन में सरकार बदल देंगें, लेकिन हम लोकसभा चुनाव तक रुके है। इसके पहले भी कई भाजपा नेताओं द्वारा इस तरह के दावे किए गए थे। अब जिराती का ट्वीट सुर्ख़ियों में है।