भोपाल। चुनाव में अपनी साख बचाने के लिए सियासी दलों ने इस बार शिकायतों की पॉलिटिक्स जमकर की है| पहली बार चुनाव आयोग को आचार सहिंता उल्लंघन मामले में रिकोर्ड शिकायतें मिली हैं| इस बार प्रचार से ज्यादा सियासी दलों ने शिकायतों के जरिए दबाव पॉलिटिक्स खेलकर एक दूसरे को घेरने की कोशिश की है और यही कारण है कि राजनैतिक दलों की बात करें तो राजनैतिक दल 1101 शिकयते लेकर चुनाव आयोग पहुंचें हैं| जिसमें कई शिकायतों पर चुनाव आयोग ने संबंधित से जवाब तलब भी किया है| आचार संहिता लगने से अब तक एमपी इलेक्शन कमीशन में करीब साढे 14 हजार शिकायतें पहुंची हैं|
इन शिकायतों का अंबार
– चुनाव आयोग में चुनाव के तीसरे चरण तक पहुंची 14471 शिकायतें
– जिसमें लोगों ने ऑनलाइन पोर्टल पर दर्ज कराई 858 शिकायतें
– जिला और राज्य स्तर पर कॉल सेंटर में पहुंची 8200 शिकायतें जिसमें 7958 शिकायतें सॉल्वड
– भारत निर्वाचन आयोग के कॉल सेंटर पहुंची 736 शिकायतें जिसमें 684 सॉल्वड
– सीधे चुनाव आयोग में पहुंची 1647 शिकायतें 1614 का हुआ निराकरण
– राजनैतिक दलों ने अब तक की 1101 शिकायतें 912 सॉल्व 189 पर कार्यवाही जारी
जैसे परिक्षा के वक्त स्टूडेंट अपनी नकल छिपा कर दूसरे को फंसाता है वैसे ही राजनैतिक दलों का रवैया चुनाव के दौरान देखने को आया| आचार संहिता लगने के करीब 64 दिनों के अंदर राजनैतिक शिकायतों का आंकडा हजार पार कर गया| जिसमें कई शिकायतों पर चुनाव आयोग का कड़ा रुख भी देखने को मिला| साध्वी प्रज्ञा के प्रचार पर 72 घंटे का बैन लगा तो मंत्री ओमकार मरकाम और मंत्री गोविंद सिंह राजपूत को नोटिस जारी किया गया| पहले चरण के मतदान के दिन जहां सबसे कम 42 के करीब शिकायतें चुनाव आयोग को मिली तो दूसरे चरण मतदान के दिन करीब 72 तो तीसरे चरण में 8 सीटों पर मतदान के दिन सबसे ज्यादा 106 शिकायतें चुनाव आयोग को मिली हैं|
एक और जहां पार्टियां चौथे चरण के लिए अब जान फूंके है तो वहीं पार्टियों की शिकायतों की पॉलिटिक्स भी लगातार जारी है..विधानसभा में भी करीब 20 हजार शिकायतें चुनाव आयोग पहुंची थी…अब देखना होगा कि चुनाव खत्म होने तक ये आंकडा कहां तक पहुंचता है…