Parenting Tips: जब घर में छोटे बच्चे होते हैं, उनकी ख़ुशहाली और सेहत का ख्याल रखना बहुत ज़रूरी होता है. वैसे तो हर माता-पिता अपने बच्चों का ख्याल बहुत अच्छे से रखते हैं, लेकिन फिर भी जाने-अनजाने में कुछ ऐसी गलतियां कर बैठते हैं जो सीधा उनकी सेहत पर असर डालती है.
कई बार माता-पिता की ग़लत आदतों और लापरवाही के कारण बच्चे बीमार पड़ जाते हैं, और समझ ही नहीं आता है कि आख़िर ऐसा क्या हो रहा है जिस वजह से बच्चा बार-बार बीमार पड़ रहा है, आज हम आपको इस आर्टिकल के ज़रिए कुछ ऐसी गलतियों के बारे में बताएंगे, जिस वजह से बच्चों की तबियत ख़राब होती है.
आपकी ये आदतें बना सकती हैं बच्चों को बीमार (Parenting Tips)
बाहर पहने हुए जूतों को घर के अंदर लाना सबसे बड़ी गलती होती है. इन जूतों में बाहर जाने वाले तमाम प्रकार के बैक्टीरिया और गंदगी जमा होती है जो घर के अंदर आ जाती है, अगर आप में भी यह आदत है, तो इसे जल्द ही सुधार लें.
वैसे तो यह आदत न सिर्फ़ बच्चे, बल्कि परिवार के सभी सदस्यों के लिए ख़तरनाक है. लेकिन बच्चों की इम्युनिटी कमज़ोर होती है, इसलिए ज़्यादा असर बच्चों पर दिखाई देता है.
सूटकेस और बैग को बिस्तर पर रख देना
अक्सर देखा जाता है, कि लोग बाहर से आने के बाद सूटकेस और बैग को बिस्तर पर रख देते हैं, जो की बहुत गंदी आदत होती है. हम अपने बैग और सूटकेस को बाहर न जाने कहाँ-कहाँ पर रखते हैं, ऐसे में अगर हम बिस्तर पर उसे रखेंगे तो बाहर की सारी गंदगी बिस्तर पर जम जाएगी, जो कि बच्चों की सेहत के लिए बहुत ख़तरनाक हो सकती है.
बाहर से आकर हाथ न धोना
बाहर से आकर हाथ धोना एक बहुत ही साधारण आदत है, जिसे अपनी रोज़ाना की ज़िंदगी में सभी को अपनाना चाहिए. लेकिन अक्सर देखा जाता है, कि कई लोग बाहर से आने के बाद हाथों को धोते नहीं है, सीधे अपने गंदे हाथों से पानी पी लेते हैं, या फिर खाना खाने बैठ जाते हैं. जब हम घर से बाहर रहते हैं तो हम अपने हाथों से ना जाने किन-किन चीज़ों को छूते हैं, इसलिए बाहर से जब कभी भी घर वापस आएँ तो हाथों को धोना ज़रूरी है, जिससे की बैक्टीरिया बच्चों के संपर्क में न आएँ.
बाहर के कपड़ों को न बदलना
बाहर पहनने वाले कपड़े चाहे कितने भी साफ़ क्यों न हो, घर आने के बाद इन कपड़ों को तुरंत बदलना चाहिए. क्योंकि इनमें बाहर के बैक्टीरिया और धूल जम जाती है, जब आप इन्हीं कपड़ों में बच्चों के पास जाते हैं या उन्हें गोद में लेते हैं, तो ये बच्चों के लिए बहुत ख़तरनाक हो सकता है.