भोपाल।
मध्यप्रदेश में इस बार 141 भाजपा-कांग्रेस के विधायकों को हार का सामना करना पड़ा।अब ये विधायक पेंशन के लिए विधानसभा सचिवालय के चक्कर लगा रहे है। अब तक 22 हारे हुए विधायक पेंशन के लिए आवेदन दे चुके है। हाल ही में पूर्व राजस्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने भी अपना आवेदन जमा कराया है। अब ये विधायक पेंशन के तलबगार और विधानसभा के चक्कर लगाने को मजबूर हो रहे है।बताते चले कि हारे विधायकों को 20 हजार पेंशन मिलती है। वर्तमान समय में लगभग 650 पूर्व विधायकों को प्रति माह पेंशन दी जाती है।
दरअसल, नियमों के मुताबिक ऐसे पूर्व विधायक को जिसने पांच साल या इससे कम अवधि भी व्यतीत की है, उसे 20 हजार रुपये प्रति माह पेंशन दी जाती है। मृत्यु होने पर परिवार पेंशन का भी प्रावधान है जो कि 18 हजार प्रति माह है। पूर्व विधायक को सरकारी अस्पताल में निशुल्क चिकित्सा की भी सुविधा है तथा उसे 15 हजार रुपये प्रति माह चिकित्सा भत्ता भी दिया जाता है। इसके अलावा पूर्व विधायक को रेल में प्रथम एवं द्वितीय श्रेणी वातानुकूल श्रेणी में निशुल्क यात्रा कूपन भी दिये जाते हैं। यदि कोई पूर्व विधायक विधानसभा के एक से अधिक कार्यकाल में भी विधायक रहा है तो उसे प्रति वर्ष 800 रुपये प्रति माह की वृध्दि कर पेंशन दी जाती है।इसी प्रकार परिवार पेंशन में भी हर साल 500 रुपये प्रति माह की वृध्दि की जाती है।
वर्तमान में 650 पूर्व विधायकों को प्रति माह पेंशन का भुगतान किया जा रहा है। इसमें इस साल के हारे हुए 114 विधायक और जुड़ गए है, जिन्हें पेंशन मिलना है।अब ये विधायक पेंशन के लिए विधानसभा सचिवालय में आवेदन कर रहे है।हालांकि विधानसभा सचिवालय ने इनके लिये नये विधायकों की तरह अलग से काउन्टर नहीं बनाया है बल्कि हारे हुये विधायकों को सदस्य लेखा शाखा जाकर आवेदन करना पड रहा है, विधायकों को पेंशन के लिए परेशान होना पड़ रहा है। हाल ही में पूर्व राजस्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने भी अपना आवेदन जमा कराया है। अब सभी विधायकों को पेंशन मिलने का इंतजार है। उम्मीद की जा रही है कि अगले महिने से इन्हें पेंशन मिलना शुरु हो सकती है।