नवाचार के नाम पर कक्षा 5वीं एवं 8वीं बनी मजाक, उत्तर पुस्तिका में प्रत्‍येक प्रश्‍न के उत्‍तर के लिए न तो पर्याप्‍त स्‍थान है और न ही गुणवत्ता

शासकीय शिक्षक संगठन ने स्कूल शिक्षा मंत्री को पत्र लिखकर मांग की है कि इससे जो छात्रों का नुकसान हो रहा है, उसके बदले में उन्हें अतिरिक्‍त बोनस अंक प्रदान किए जाए ,

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BHOPAL NEWS : शासकीय शिक्षक संगठन ने आरोप लगाया है कि राज्‍य शिक्षा केन्‍द्र भोपाल के निर्देशन में आयोजित कक्षा 5वीं एवं 8वीं की परीक्षा  में प्रश्‍न पत्र को हल करने के लिए बच्‍चों को जो उत्‍तर-पुस्तिकाएं दी जा रही हैं, उन उत्तर पुस्तिका’ में नवाचार के नाम पर प्रत्‍येक प्रश्‍न के उत्तर की जगह निश्चित कर दी गयी है, जो कि बच्‍चों को बहुत कम पड़ रही है, जिससे बहुत से छात्र प्रश्‍न का उत्‍तर जानते हुए उसे हल कर नहीं पा रहे हैं। यह परीक्षा  06 मार्च 2024 से शुरू हुई हैं।
शासकीय शिक्षक संगठन के आरोप 
शासकीय शिक्षक संगठन के प्रांताध्यक्ष राकेश दुबे के अनुसार एनसीईआरटी के छात्रों के मामले में यह है कि प्रश्‍न पत्र में 40 प्रश्‍न आ रहे हैं, और उत्तर पुस्तिका’ कुल छब्‍बीस उत्‍तरों के लिए स्‍थान निर्धारित किया गया है, जिसके कारण बहुत से छात्र प्रश्‍न का उत्‍तर जानते हुए उसे हल कर नहीं पा रहे हैं।उत्तर पुस्तिका’ के कागज की क्‍वालिटी इतनी कमजोर है कि बहुत से छात्रों की उत्तर पुस्तिका लिखते-लिखते ही फटी जा रही हैं । उत्तर पुस्तिका’में पृष्‍ठों की संख्‍या भी कम है।
इस नवाचार से नुकसान  
संगठन का मानना है कि नवाचार हमेशा वह अच्‍छा होता है जिससे गुणवत्‍ता में सुधार हो और परिणाम सकारात्‍मक आवें, परन्‍तु इस नवाचार से बच्‍चों के परीक्षा-परिणाम में गिरावट तो आएगी ही, बनते हुए भी जगह एवं पृष्‍ठों की कमी के कारण प्रश्‍न हल न कर पाने से उन छात्रों का मनोबल भी कमजोर होगा और शिक्षक भी हताश हो रहे हैं।  इन सभी कारणों से परीक्षा-परिणाम खराब होने पर जिम्‍मेदारी भी विभाग गलत नवाचार करने वालों की नहीं  बल्कि उन शिक्षकों की तय करेगा, जिनका इस बेढंगे नवाचार से कोई लेना-देना नहीं है, यह उचित नहीं होगा।
संगठन की मांग छात्रों को मिले बोनस अंक  
शासकीय शिक्षक संगठन के प्रांताध्यक्ष राकेश दुबे ने स्कूल शिक्षा मंत्री, प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा और संचालक राज्य शिक्षा केंद्र भोपाल को पत्र लिखकर मांग की है कि न केवल इस बेतुके प्रयोग को रोका जाए, बल्कि इससे जो छात्रों का नुकसान हो रहा है, उसके बदले में उन्हें अतिरिक्‍त बोनस अंक प्रदान किए जाएं, ताकि छात्र  और शिक्षक दोनों का मनोबल बना रहे एवं भविष्‍य में परीक्षाओं के लिए उच्‍च गुणवत्‍ता के पृष्‍ठों की उत्तर पुस्तिका’ जिसमें पृष्‍ठ संख्‍या पर्याप्‍त हो एवं किसी प्रश्‍न का उत्‍तर लिखने के लिए जगह की संख्‍या का निश्चित निर्धारण न होकर सादी उत्‍तर-पुस्तिकाएं छात्रों को उपलब्‍ध कराई जाएं । यह बच्‍चों की तात्‍कालिक कक्षा 5वीं एवं 8वीं की वार्षिक परीक्षाओं के लिए तो लाभदायक होगा ही साथ ही यह हाईस्‍कूल एवं उससे ऊपर की परीक्षाओं के लिए पूर्व तैयारी भी होगी।

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Sushma Bhardwaj

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