MP के अतिथि शिक्षकों के लिए महत्वपूर्ण खबर, शासकीय विद्यालयों में रिक्त पदों के लिए इस तारीख तक कर सकते हैं स्कूल का चयन

प्रक्रिया के तहत शाला प्रभारी जीएफएमएस पोर्टल पर ज्वाइन किये गये अतिथि शिक्षक का प्रमाणीकरण अनिवार्य रूप से 14 सितम्बर 2024 तक पूरा करेंगे। इस संबंध में जारी परिपत्र में समस्त जिला शिक्षा अधिकारी, विकासखंड शिक्षा अधिकारी और संकुल प्राचार्य हाई-हायर सेकेण्डरी स्कूल में भेजा गया है।

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MP School : मध्य प्रदेश के शासकीय विद्यालयों में शैक्षणिक व्यवस्था के सुचारू रूप से संचालन के लिये रिक्त पदों के विरूद्ध अतिथि शिक्षक व्यवस्था की जा रही है। शैक्षणिक सत्र 2024-25 में रिक्त पदों के विरुद्ध अतिथि शिक्षक व्यवस्था के लिये स्कूल शिक्षा विभाग ने समय सारणी जारी की है। इस व्यवस्था के संबंध में लोक शिक्षण संचालनालय ने जिला शिक्षा अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किये हैं।

 ये है समय सारणी

आवदेक द्वारा जीएफएमएस पोर्टल में शाला विकल्प चयन 4 सितम्बर से शुरू हो गया है। विकल्प चयन की कार्यवाही 9 सितम्बर तक अनिवार्य रूप से पूरी की जायेगी। शाला विकल्प चयन के बाद मेरिट के आधार पर आवेदकों को विद्यालय का आवंटन 10 सितम्बर को किया जायेगा। इसके बाद आवेदकों द्वारा आवंटित विद्यालय में उपस्थिति में 11 सितम्बर से शुरू हो जायेगी।

14 सितम्बर पूरा करना होगा अतिथि शिक्षक का प्रमाणीकरण

प्रक्रिया के तहत शाला प्रभारी जीएफएमएस पोर्टल पर ज्वाइन किये गये अतिथि शिक्षक का प्रमाणीकरण अनिवार्य रूप से 14 सितम्बर 2024 तक पूरा करेंगे। इस संबंध में जारी परिपत्र में समस्त जिला शिक्षा अधिकारी, विकासखंड शिक्षा अधिकारी और संकुल प्राचार्य हाई-हायर सेकेण्डरी स्कूल में भेजा गया है। दिशा-निर्देश की प्रति स्कूल शिक्षा विभाग के पोर्टल पर भी प्रदर्शित की गई है।

मुख्यमंत्री ने दिए हैं ये निर्देश 

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने स्कूल शिक्षा विभाग को निर्देश दिए हैं कि शिक्षा की गुणवत्ता से समझौता नहीं किया जायेगा, शासन का आदेश है कि स्कूलों के रिक्त पड़े पदों को भरने की प्रक्रिया समय पर पूरी कर ली जाये जहाँ नियमित शिक्षक नहीं हैं वहां अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति की जाये, इसके लिए निर्धारित मापदंड और नियमों का ध्यान रखा जाये, जिससे बच्चों की शिक्षा सुचारू रूप से जरी रह सके।


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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