भोपाल।
शिवराज सरकार में हुए पौधारोपण में फर्जीवाड़े की एक के बाद एक परते खुलती जा रही है। बीते दिनों पिछली सरकार में हुए पौधरोपण की जमीनी हकीकत जानने के बाद प्रदेश के वन मंत्री उमंग सिंघार ने दो डीएफओ समेत आठ वनकर्मियों पर कार्रवाई की थी।खबर है कि आने वाले दिनों में सिंघार फिर बडी कार्रवाई कर सकते है। इस बार उनके निशाने पर कई आईएफएस अफसर है।इनमें मुख्य रिटायर्ड आईएफएस अफसर वाय. सत्यम के भी लपेटे में आने की संभावना है।वनमंत्री ने खुद इस बात के संकेत दिए है।
![Many-IFS-officers-on-the-target-of-government-in-madhypradesh](https://mpbreakingnews.in/wp-content/uploads/2020/01/291820191440_0_Capture.jpg)
वही इस फर्जीवाड़े के सामने आने के बाद मंत्री सिंघार ने नर्मदा किनारे के सभी 16 जिलों में जांच कराने के निर्देश दिए हैं। उम्मीद की जा रही है कि यह टीमें अगले हफ्ते से जिलों का दौरा शुरू कर सकती हैं। टीमों को सभी वनमंडलों में उन कंपार्टमेंट का निरीक्षण करना है, जिनमें दो जुलाई 2017 को पौधे रोपे गए हैं।
इसके लिए 16 जांच दल बनाए जा रहे हैं जिनमें वन अफसरों के अलावा मंत्री के नजदीकी गैर सरकारी लोग भी रहेंगे, जो नर्मदा कछार में लगाए गए पौधों की स्थिति की जांच करेंगे और मंत्री को रिपोर्ट सौंपेंगे। इस रिपोर्ट का मिलान दो माह पहले एपीसीसीएफ स्तर के अफसरों को जिलों में भेजकर कराई गई जांच रिपोर्ट और सरकार बनने के बाद वन मुख्यालय द्वारा मंत्री को उपलब्ध कराई गई रिपोर्ट से किया जाएगा। तीनों रिपोर्ट के मिलान में समानता न होने पर संबंधित अफसरों पर भी गाज गिरेगी। इनमें एक दर्जन से अधिक अफसर शामिल हो जो बाहर हो सकते है।
गौरतलब है कि पूर्व की शिवराज सरकार ने प्रदेश भर में 7 करोड़ पौधे लगाने का दावा किया था, इसके लिए बाकायदा अभियान चलाया गया और इसे वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज कराया गया। लेकिन सत्ता परिवर्तन के बाद जब प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने इस मामले की जांच की तो सामने आया कि बैतूल जिले में 15,526 पौधों के स्थान पर महज ढाई हजार पौधे जिंदा पाए गए और सिर्फ नौ हजार गड्ढे पाए गए। ऐसा ही हाल मंडला का भी रहा। इसके के चलते मंत्री ने कार्रवाई करते हुए उत्तर वन मंडल के तात्कालीन डीएफओ संजीव झा, वर्तमान डीएफओ राखी नन्दा, एसडीओ बीपी बथमा को कारण बताओ नोटिस जारी कर इन्हे वन मुख्यालय अटैच किया गया है। वहीं शाहपुर रेंज के तात्कालीन रेंजर गुलाब सिंह बर्डे, वर्तमान रेंजर जीएस जाटव, वनपाल मूलचंद परते, फीरोज खान और नाकेदार सतीश कवडे को निलंबित किया गया है।सरकार को शक है कि अन्य जिलों में भी यही हाल हो सकता है, इसलिए जांच के आदेश दिए गए है, रिपोर्ट सामने आने के बाद कईयों पर गिर सकती है।