भोपाल।
एक्जिट पोल के नतीजों ने देशभर में हलचल मचा कर रख दी है।बीजेपी में जहां उत्साह है वही विपक्ष मे खलबली मची हुई है। एमपी में 24 -26 सीटों के अनुमान के बाद बीजेपी नेताओं ने फिर से प्रदेश में सरकार बनाने का दावा करना शुरु कर दिया है और कांग्रेस को फ्लोर टेस्ट के लिए चुनौती दी है ।इसके लिए नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने राज्यपाल आनंदी बेन पटेल को भी पत्र लिख विधानसभा सत्र बुलाने की मांग की है।वही इस सियासी घमासान के बीच खबर है कि बसपा सुप्रीमो मायावती ने कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस की दिग्गज नेता सोनिया गांधी से मिलने से इनकार कर दिया।
दरअसल, बीते दिनों गठबंधन के बाद चर्चा थी कि माया, सोनिया से मुलाकात कर आगे कि रणनीति पर चर्चा करेंगी, लेकिन एक्जिट पोल के नतीजों के बाद उन्होंने मिलने से इंकार कर दिया है। बसपा नेता सतीश चंद्र मिश्रा ने खुद मीडिया को इस बात की जानकारी दी । उन्होंने बताया कि मायावती जी सोनिया गांधी और राहुल गांधी से नहीं मिलने वाली है, वो आज लखनऊ में ही रहेंगी। इसके पीछे कही ना ही मायावती की नाराजगी देखी जा रही है। हालांकि बीते दिनों ही गुना से बसपा के लोकसभा उम्मीदवार के कांग्रेस में शामिल होने पर उन्होंने कांग्रेस को समर्थन पर विचार करने की धमकी दे दी थी। इसके बाद से ही वे पार्टी से लगातार नाराज चल रही है।इसके पहले भी मंत्रिमंडल विस्तार के समय भी कई बार उनकी नाराजगी देखी गई।
बता दे कि कांग्रेस के पास कुल 114 विधायक हैं और बहुमत के लिए 116 का अंकाड़ा चाहिए, जिसे पूरा करने के लिए कांग्रेस ने दो बसपा विधायकों से समर्थन लिया है। मायावती ने दो विधायकों का समर्थन दिया तो है,लेकिन अबतक उन्हें मंत्री पद नही दिया गया, जिसके चलते वे नाराज हो गई है, बीते दिनों भी कई बार उनकी नाराजगी खुलकर देखी गई। विधायक भी कई बार विरोध कर चुके है, इसके लिए वे कई बार कमलनाथ सरकार को समर्थन वापस लेने की भी चेतावनी दे चुकी है। ऐसे में एक्जिट पोल के नतीजों के बीच मायावती का राहुल-सोनिया से मिलने से इंकार करना कई सवाल खड़े कर रहा है।