एक दिन ऐसा भी आएगा, जब हमें सरकार इंसान ही नहीं मानेगी : मेघा

भोपाल। देश के कर्णधार जो हम पर थोप रहे हैं, उसके खिलाफ आज खड़े नहीं हुए तो हम इस देश के नागरिक ही नहीं, बल्कि इंसान ही नहीं कहलाएंगे। हमें सीएए-एनआरसी को लेकर आवाज उठाना पड़ेगी, वर्ना इस देश में फिर एक बंटवारे के हालात बन जाएंगे। यह बंटवारा किसी अलग मुल्क या देश के रूप में नहीं होगा, बल्कि यहां के बाशिंदों को दो अलग-अलग विचारधारा और कई अलग-अलग वर्गों में बांटने जैसा होगा।

नर्मदा आंदोलन की नेत्री मेघा पाटकर ने यह बात कही। वे शनिवार को राजधानी के इकबाल मैदान पर 1 जनवरी से जारी सत्याग्रह आंदोलन में शामिल होने के लिए पहुंची थीं। इस दौरान उन्होंने कहा कि एक ऐसे कानून को बदलने की कवायद की जा रही है, जो हमें इस देश की आजादी के साथ मिला था। इस संशोधन के जरिये जात, धर्म और मजहब के नाम पर बांटने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने आसाम में लागू किए जाने वाले कानून का हवाला देते हुए कहा कि वहां जो हुआ और हो रहा है, उसकी कल्पना कर देश के लोगों के रोंगटे खड़े हो सकते हैं। मेघा पाटकर ने सत्याग्रह में शामिल युवाओं को आश्वस्त किया कि वे उनके इस आंदोलन में पूरी तरह से शामिल हैं और उनकी आवाज प्रदेश की राजधानी से लेकर देश की राजधानी तक उठाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगी।


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